हरियाणा में कुल बाइस जिले हैं। इनमे से बारह जिलों में पानी ने खेत, सड़कों, मकानों, सरकारी स्कूलों ही नहीं शहरी आबादी को भी तहस नहस कर दिया है
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यह ऐलान करते हुए कहा है कि इन जिलों के लिए विशेष राहत पैकेज दिया जाएगा। हरियाणा के इतिहास में पहली बार एक साथ इतने जिलों को बाढ़ प्रभावित घोषित किया गया है।
बताया गया कि बारिश से सूबे में 399 सरकारी बड़ी योजनाओं को 90 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इसके अलावा 150 से ज्यादा टूट चुकी सड़कों की मरम्मत पर सरकार 230 करोड़ रुपए खर्च करेगी। बिजली विभाग को भी काफी नुकसान हुआ है जिसे ठीक करने पर 22 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। पूरी तरह खराब हो चुकी फसलों के लिए 15 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा जल्दी ही किसानों के बैंक खातों में भेजा जाएगा।
बाढ़ प्रभावित घोषित
प्रदेश के 12 जिलों में सिरसा, फतेहाबाद,फरीदाबाद, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल,पानीपत, अम्बाला सोनीपत, सिरसा और यमुनानगर को बाढ़ प्रभावित घोषित किया गया है। इन जिलों के 1353 गांव और पांच शहरी क्षेत्रों को बाढ़ प्रभावित घोषित किया गया है। इन सब गांवों में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, सेना के बचाव टुकड़ियों की मदद से राहत कार्य जारी है।
हरियाणा में बारिश और बाढ़ से 1142 किलोमीटर लंबी 996 सड़कों को नुकसान पहुंचा है, इनकी मरम्मत के लिए लिए 230 करोड रुपए का खर्च आएगा। इसके अलावा बारिश में बाढ़ से पूरे राज्य में 3369 खंभे क्षतिग्रस्त हुए हैं। 1470 ट्रांसफार्मर और अन्य बुनियादी ढांचों में भी नुकसान पहुंचा, जिनके लिए सरकार को 22 करोड़ की तत्काल जरूरत होगी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि सड़क, पुल, पेयजल योजना, लघु सिंचाई योजना और बिजली आपूर्ति को हुए नुकसान के लिए मरम्मत के लिए प्रशासनिक सचिवों को प्रशासनिक शक्तियां सौंपी गई है। इससे लोगों को जल्दी हालात सामान्य होने में सड़क के मरम्मत के लिए 10 लाख रुपए तक के काम सुप्रिटेंडेंटिग इंजीनियर के स्तर पर कराया जा सकेगा। इसी क्रम में एक करोड़ तक का काम इंजीनियर वर्क्स पोर्टल के माध्यम से स्पेशल टेंडर के जरिए कराए जाएंगे।
सूबे में पशुपालकों के लिए भी तुरन्त मदद की घोषणा करते हुए
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पशुपालकों को भैंस, गाय, ऊंट, याक आदि की हानि पर 36500 रुपए, भेड़, बकरी,सुअर आदि के लिए 4000 रुपया, ऊंट, घोड़ा, बैल आदि के लिए 32000 रुपए बछड़ा, गधा, टट्टू खच्चर,बछड़ा के लिए 20000 रुपए, 100 रुपए प्रति पक्षी मुर्गी पालन के प्रभावित लोगों को सरकार देगी।
गौरतलब है कि 8 और 12 जुलाई के बीच पांच दिन में सामान्य तौर पर औसतन 28.4 मिलीमीटर बारिश होती है लेकिन इस बार 110 एमएम बारिश हुई। करीब 400 प्रतिशत अधिक बारिश होने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। अंबाला यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, पंचकूला और हिसार में सबसे अधिक बारिश हुई। इन चारों जिलों में आठ से दस गुना अधिक बारिश हुई। हिमाचल प्रदेश से काफी पाानी आया। यमुना, मारकंडा, घग्गर, सरस्वती नदियों में बारिश का सामान्य से ज्यादा पानी आया।
बाढ़ की वजह से 17 सरकारी पशु औषधालयों और सरकारी पशु अस्पतालों के भवनों को नुकसान हुआ जिनकी मरम्मत के लिए एक करोड़ 24 लाख के बजट की आवश्यकता होगी। जिलों को बाढ़ एवं बचाव कार्यों के लिए अभी तक 4.5 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है। बाढ़ प्रभावित 12 जिलों के उच्च अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में नुकसान के मुआवजा में तेजी लाने के लिए ही वित्तीय शक्तियां सौंपी गई हैं।
बाढ़ की विकरालता के मद्देनजर
हरियाणा सरकार की तरफ से प्रभावित लोगों के लिए 41 राहत शिविर लगाए गए हैं, जिनमें 6629 लोगों को राहत दी जा चुकी है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने भी प्रभावित गांवों में हेल्थ शिविर लगाए हैं। अब 147 गांवों में फॉगिंग कराई जा चुकी है। 37 हजार लोगों का इलाज किया गया है।
हरियाणा के फतेहाबाद में बाढ़ का पानी शहर तक पहुंच गया है। जहां 4-4 फीट तक पानी भर चुका है। हालात बिगड़ते देख प्रशासन ने मदद के लिए सेना बुला ली है। सिरसा में घग्गर नदी का जलस्तर 4 हजार क्यूसेक बढ़ने से हालात और बिगड़ गये हैं। सिरसा जिला में 13 साल बाद घग्गर का जलस्तर 46 हजार क्यूसेक पहुंच गया है। बणी गांव में बाढ़ के खतरे को देखते हुए दुकानदारों ने दुकानें खाली कर दी हैं।
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