केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोटे अनाज से जुड़े स्टार्टअप के लिए ‘मिलेट चैलेंज’ की घोषणा की। इसके तहत स्टार्टअप्स को मोटा अनाज मूल्य श्रृंखला में नवोन्मेषी समाधान बनाने एवं विकसित करने होंगे। मोटे अनाजों के विकास पर केंद्रित मिलेट सम्मेलन 2022 में बोलते हुए सीतारमण ने कहा कि नाबार्ड ग्रामीण अवसंरचना विकास कोष के तहत रायचूर के कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय को 25 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देगा।
गौरतलब है कि वर्ष 2022 को ‘विश्व बाजरा वर्ष’ सुनिश्चित किया गया है| भारत दुनिया में बाजरा निर्यात करने वाले प्रमुख देशों में है| भारत में कर्नाटक, राजस्थान, हरियाणा बाजरा उत्पादन में प्रमुख राज्य हैं|
इसमें नवोन्मेषी तरीकों से समाधान देने वाला कोई भी स्टार्टअप भाग ले सकेगा। दिसंबर से पहले विजेताओं के नाम की घोषणा कर दी जाएगी। तीन विजेताओं को एक-एक करोड़ रुपये का बुनियादी अनुदान, 15 चयनित उम्मीदवारों को 20-20 लाख रुपये और अन्य 15 चयनित उम्मीदवारों को 10-10 लाख रुपये दिए जाएंगे।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने बाजरा प्रसंस्करण से संबंधित बड़ी कंपनियों से कर्नाटक पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा ताकि राज्य को इस क्षेत्र में एक ब्रांड बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की ब्रांडिंग और शक्तिशाली मार्केटिंग का अभ्यास किया जाना चाहिए। मैं स्टार्ट-अप्स को उन कंपनियों के साथ काम करने के लिए आमंत्रित करती हूं जो भारत से ब्रांड बाजरा को सभी देशों तक पहुंचने में मदद कर सकती हैं। खासकर ऐसे वक्त में जब हम स्वस्थ वैकल्पिक भोजन की तलाश में हैं।