विदेशी रसोई में भारतीय मसालों की खुशबू का जलवा कायम है| इसकी वजह से एक्सपोर्ट लगभग दोगुना हो गया है|
इस साल 29,535 करोड़ रुपये का मसाला एक्सपोर्ट किया गया| विशेष रूप से कोरोना महामारी काल में मसालों को स्वास्थ्य पूरक के रूप में मान्यता मिलने के कारण मसालों की मांग में जबरदस्त वृद्धि हुई है| इसे हल्दी, अदरक, जीरा, मिर्च आदि मसालों के बढ़ते निर्यात में स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है|
सुपारी और मसाला विकास निदेशालय द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘स्पाइस स्टैटिस्टिक्स एट ए ग्लांस 2021’ में मसालों के प्रोडक्शन और एक्सपोर्ट का पूरा विवरण दिया गया है
इसका विमोचन केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया है| मिर्च, अदरक, हल्दी, जीरा आदि प्रमुख मसालों के उत्पादन में शानदार वृद्धि हुई है| मसालों के एक्सपोर्ट से 2014-15 में 14,899 करोड़ रुपये मिले थे, अब 2020-21 में यह लगभग दो गुना बढ़कर 29,535 करोड़ रुपये हो गया है|
इस पुस्तक में बताया गया है कि 2014-15 से 2020-21 के दौरान मसालों के प्रोडक्शन में 7.9 फीसदी की वार्षिक वृद्धि दर रही है. यह वृद्धि मसाला फसलों का क्षेत्र 32.24 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 45.28 लाख हेक्टेयर होने की वजह से हुई है| जीरा उत्पादन में 14.8, लहसुन में 14.7, अदरक में 7.5, सौंफ में 6.8, धनिया में 6.2, मैथी में 5.8, लाल मिर्च में 4.2, और हल्दी में 1.3 की महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है. विश्व के मसाला उत्पादन में भारत का महत्वपूर्ण स्थान है| कई तरह की जलवायु के कारण देश में लगभग सभी तरह के मसालों का अच्छा उत्पादन हो रहा है|
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक उत्पादन में तीव्र वृद्धि से एक्सपोर्ट के लिए गुणवत्तापूर्ण मसालों की उपलब्धता हुई है| यह मसालों के निर्यात की वृद्धि में पता भी चल रहा है| साल 2014-15 में 8.94 लाख टन मसालों का एक्सपोर्ट किया गया था| यह 2020-21 में बढ़कर 16 लाख टन हो गया| यह वृद्धि मात्रा के संदर्भ में 9.8 एवं पैसे के संदर्भ में 10.5 फीसदी है| भारत से थाइलैंड, बांग्लादेश, अमेरिका, यूएई, ब्रिटेन, मलेशिया, श्रीलंका, चीन, वियतनाम और इंडोनेशिया आदि में मसालों का एक्सपोर्ट किया जा रहा है|
मसालों का एक्सपोर्ट सभी बागवानी फसलों के कुल निर्यात आय का 41 फीसदी योगदान देता है. केवल समुद्री उत्पादों, गैर-बासमती चावल व बासमती चावल के बाद कृषि जिंसों में इसका चौथा स्थान है| केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि देश में मसालों की उपज में शानदार वृद्धि सरकारी कार्यक्रमों, कृषि वैज्ञानिकों एवं किसानों की मेहनत से हुई है| सुपारी और मसाला विकास निदेशालय ने ज्यादा उपज देने वाली किस्मों के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है|