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उत्तर प्रदेश में भाजपा का फोकस अंतिम चरण में पूर्वांचल की 27 सीटों पर

गौरतलब है कि भाजपा के नामवर चेहरे इन सीटों पर है। सियासी जानकारों का मानना है कि यह सीटें उत्तर प्रदेश में भाजपा के स्कोर को प्रभावित करेंगी। पहली जून को सातवें और अंतिम चरण का मतदान होगा। यह इलाका भारतीय जनता पार्टी के प्रभाव वाला माना जाता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ भाजपा के सभी संगठनों का फोकस पूर्वांचल पर है। इस चरण में 13लोकसभा सीटों पर मतदान होना है। पूर्वांचल की जिन 13 सीटो के लिए एक जून को मतदान होगा,उनमें वाराणसी लोकसभा सीट भी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसी सीट से भाजपा के दावेदार हैं।भाजपा ने वाराणसी में महिला सम्मेलन के जरिए नया प्रयोग किया है तो आसपास की सीटों पर प्रचार का नया मॉडल अपनाया है। पार्टी की ओर से पूर्वांचल की सीटों पर जल जीवन मिशन, मकान और शौचालय हित अन्य योजनाओं का लाभ पाने वाले लाभार्थियों की ब्लॉकवार सूची निकाली गई है। इस सूची के जरिए मतदाताओं तक पहुंच कर उन्हें समझाने का प्रयास किया जा रहा है। हर विधानसभा को तीन से चार हिस्से में बांट कर वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में बैठकें की जा रही है। इतना ही नहीं पार्टी ने नई रणनीति के तहत समूह बैठक तय की है। इसमें डॉक्टर, इंजीनियर, कपड़ा कारोबारी, दवा व्यापारी की बैठकें तय की गई हैं। उदाहरण के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्यरत नेताओं को इसी क्षेत्र के लोगों से मिलने का लक्ष्य दिया है।

मिली जानकारी के अनुसार इस बारे में भाजपा के पदाधिकारियों और जातिगत प्रभाव रखने वाले नेताओं को अलग-अलग सीटों की ज़िम्मेदारी सौंपी गई हैं। खास बात यह है कि पिछड़े वर्ग पर ज्यादा फोकस किया गया है। यही वजह है कि पिछड़े वर्ग की जहां जिस जाति की आबादी है, उस क्षेत्र में उसी बिरादरी के नेताओं को भेजा गया है। भाजपा पिछड़ा वर्ग काशी क्षेत्र के महामंत्री सुभाष कुशवाहा ने बताया कि वाराणसी और आसपास की सीटों पर इटावा, एटा, फर्रूखाबाद, मैनपुरी सहित सैफई के आसपास के यादव नेताओं को उतार दिया गया है। इसी तरह निषाद बहुल इलाके में इसी बिरादरी के नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है। गौरतलब है कि भाजपा के नामवर चेहरे इन सीटों पर है। सियासी जानकारों का मानना है कि यह सीटें उत्तर प्रदेश में भाजपा के स्कोर को प्रभावित करेंगी। रक्षा मंत्री और भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने बिहार के काराकाट लोकसभा क्षेत्र में एक चुनावी रैली में विपक्षी पर निशाना साधा। मोदी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा – देश में खाद्य मुद्रास्फीति दर “दुनिया में सबसे कम” थी और मूल्य वृद्धि के आरोपों पर निराशा व्यक्त की। यह दावा करते हुए कि केंद्र सरकार ने लोगों को शौचालय और पक्के मकान जैसे कल्याणकारी उपाय प्रदान करके कोई उपकार नहीं किया है, उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग सेवा की भावना के साथ राजनीति में हैं।

तेज गर्मी के बावजूद जुटी भीड़ में राजनाथ सिंह ने कहा – कांग्रेस और उसके बिहार सहयोगी राजद को इन तथ्यों पर उनका मुकाबला करने की चुनौती दी। सिंह ने कहा, “अगर कोई गलती है, तो मैं इसे स्वीकार करूंगा क्योंकि मैंने अपने राजनीतिक जीवन में कभी लोगों को धोखा देने की कोशिश नहीं की।” अपने लगभग 30 मिनट लंबे भाषण में, वरिष्ठ भाजपा नेता ने कांग्रेस का मजाक उड़ाया और दावा किया कि यह जल्द ही डायनासोर की तरह विलुप्त हो जाएगी, औरउन्होंने राजद की तुलना पार्टी के चुनाव चिन्ह लालटेन से की, जिसकी लौ “तेल सूखने” के बाद से अस्थिर हो गई थी। सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी प्रशंसा की और दावा किया कि उनके शासन में भारत को अब कमजोर देश के रूप में नहीं देखा जाता।

पाकिस्तान के नापाक इरादों और आतंकी कारगुजारियों की बात करते हुए भाजपा नेता ने कहा , “पाकिस्तान अब आतंकवादियों को भारत में भेजने की हिम्मत नहीं कर सकता…रूस और यूक्रेन वहां फंसे हमारे छात्रों की सुरक्षित वापसी के लिए युद्ध रोकने पर सहमत हुए।” उन्होंने अनुच्छेद 370 को खत्म करने और तीन तलाक के खिलाफ कानून लाने के लिए भी सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा, “हम ऐसी किसी भी प्रथा को स्वीकार नहीं करते हैं जो हमारी बहनों और बेटियों के सम्मान को ठेस पहुँचाती है। हम वोटों की परवाह किए बिना काम करते हैं।” श्री सिंह ने यह भी कहा कि चुनाव के बाद लोगों को मोदी सरकार से अधिक कल्याणकारी कदमों की उम्मीद करनी चाहिए।

 

 

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