हरियाणा सरकार की ओर से राज्य के किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए हर गांव में कृषि उत्कृष्टता केंद्र खोलने का फैसला लिया है। गांव-गांव में कृषि उत्कृष्टता केंद्र खोलने के पीछे सरकार का उद्देश्य किसानों को कृषि की नई तकनीकों से अवगत कराना है ताकि फसल उत्पादन के साथ ही किसानों की आय में भी बढ़ोतरी हो सके।
हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने कहा है किसान बागवानी की नई तकनीकों को अपनाएंगे तो उनकी आय बढ़ेगी। अब तक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की मदद से हरियाणा के भीतर कृषि के 11 उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं।
इसके अलावा, राज्य सरकार ने बागवानी में आधुनिक रणनीतियों को बढ़ावा देने के लिए पूरे राज्य के गांवों में 64 उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। कृषि मंत्री को पंचकूला में भारत-इजराइल सम्मेलन के तीसरे दिन बागवानी से जुड़े इजराइली प्रतिनिधिमंडल और वैज्ञानिकों को संबोधित कर रहे थे।
किसानों को कुछ क्षेत्रों में भूमिगत जल की कमी को पूरा करने के लिए बागवानी और कम पानी की खपत वाली फसलों को अपनाने का आग्रह किया जा रहा है। इसके लिए किसानों को सरकार से इनपुट अनुदान भी दिया जा रहा है। कृषि के अलावा हरियाणा में मछली पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए मछली पालन में इस्तेमाल की जाने वाली नई तकनीकों को अपनाने के लिए सभी देशों का स्वागत कर रहा है।
भारत-इजराइल परियोजना के तहत बागवानी विभाग हरियाणा की ओर से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस एंड एक्सीलेंस विलेज पर तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में देश के 23 राज्यों के लगभग 80 से 100 अधिकारियों को इजराइली विशेषज्ञों ने बागवानी की विभिन्न तकनीकों की जानकारी दी।
सब्जियों व उद्यानों में सिंचाई की तकनीकों के बारे में बताया| सम्मेलन के पहले सत्र के दौरान, इजराइल के विशेषज्ञ उरी रुबिनस्टीन, डैनियल हद्दाद और इत्जाक एस्क्वायर ने प्रतिभागियों को पौधों की सुरक्षा एवं नर्सरी प्रबंधन के बारे में जानकारी दी। वहीं दूसरे सत्र में इजराइल के विशेषज्ञ एरेज केडेम ने सब्जियों व उद्यानों में सिंचाई की तकनीकों के बारे में बताया। इजराइली विशेषज्ञों ने अधिकारियों को बताया कि अगर किसान सब्जियां उगाने की उन्नत तकनीक और रणनीति अपनाएंगे, तो उनकी उपज में बढ़ोतरी होगी जिससे किसानों की आय दुगुनी हो सकेगी।
हरियाणा सरकार के अधिकारियों ने बताया कि बागवानी में विविधीकरण को प्रेरित करने और किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए, सरकार ने मेरा पानी-मेरी विरासत, भावांतर भरपाई योजना, मुख्यमंत्री बगवानी बीमा योजना जैसे कई नए कार्यक्रम, पैकेज और योजनाएं शुरू की हैं। फसल अवशेष प्रबंधन, हर खेत-स्वस्थ खेत आदि कार्यक्रम संचालित किए गए हैं।
बागवानी की ओर बढ़ा किसानों का रूझान कृषि विशेषज्ञ प्रो. समर सिंह ने कहा कि राज्य में बागवानी का क्षेत्र पहले से कहीं अधिक बढ़ गया है। राज्य के किसानों का रूझान परंपरागत खेती की जगह बागवानी की ओर हो रहा है।
करनाल में बागावानी विश्वविद्यालय स्थापित किया जा रहा है। इस विश्वविद्यालय की ओर से किए जा रहे नए शोध और विकसित की जा रही तकनीकों का लाभ किसानों को सीधे मिलेगा। ये विश्वविद्यालय क्षेत्र में बागवानी फसल को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगा।