लखनऊ | बालियों में साफ और मोटा दाना पड़े, इसके लिए तापमान में ठंडक होना जरूरी है लेकिन इस बार फरवरी में तापमान जरूरत से कहीं ज्यादा गर्म हो गया है। बताया कि इसका सीधा असर गेहूं की उपज पर पड़ेगा। तापमान में बढ़ोतरी से गेहूं की फसल में पीला रतुआ नामक रोग भी लग रहा है।
इस साल गेहूं की पछेती बुआई ज्यादा हुई है। इस समय गेहूं पर बालियां आनी शुरू हुई हैं। बालियों में साफ और मोटा दाना पड़े, इसके लिए तापमान में ठंडक होना जरूरी है| इस बार फरवरी में तापमान जरूरत से कहीं ज्यादा गर्म हो गया है। बताया कि इसका सीधा असर गेहूं की उपज पर पड़ेगा।
तामपान बढ़ने और हवा चलने से गेहूं के खेतों में दरार पड़ जाती और गेहू की फसल गिर जाती है। ऐसे में इसको बचाने के लिए राज्य स्तरीय कृषि परामर्श समूह ने गेहूं के किसानों के लिये सलाह जारी की है। जिसके मुताबिक तापमान बढ़ने की स्थिति में गेहूं के खेत में 2 प्रतिशत यूरिया और 2 प्रतिशत म्यूरेट आफ पोटाश का छिड़काव करें। इसके अलावा पानी में घुलने वाले बोरेक्स को 100 लीटर पानी में 50 ग्राम बोरेक्स को मिलाकर इसका छिड़काव करें।