tag manger - विदेशी सेब और अन्य फलों की पौध की जगह बागवानी विभाग देगा उन्नत व रोगरोधी पौधे – KhalihanNews
Breaking News

विदेशी सेब और अन्य फलों की पौध की जगह बागवानी विभाग देगा उन्नत व रोगरोधी पौधे

हिमाचल प्रदेश में उद्यान विभाग की नर्सरियों में तैयार सेब की उन्नत किस्मों के 5 लाख पौधे सस्ती दरों पर उपलब्ध करवाएगी। सरकार ने इस साल विदेशों से सेब के पौधे आयात न करने का फैसला लिया है। उद्यान विभाग की 35 नर्सरियों में सेब के करीब 10 लाख पौधे तैयार किए गए हैं। इनमें से उच्च गुणवत्ता के 5 लाख पौधे बागवानों को आवंटित करने की योजना है। 20 दिसंबर से ब्लॉक स्तर पर उद्यान प्रसार केंद्रों पर यह पौधे उपलब्ध होंगे।

विभाग की 35 नर्सरियों से 3 लाख ग्राफ्टेड और 2 लाख क्लोनल रूट स्टॉक बागवानों को उपलब्ध करवाए जाएंगे। हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास परियोजना के तहत संयुक्त राज्य अमेरिका, इटली, फ्रांस और नीदरलैंड से आयातित रूट स्टॉक से पौधे तैयार किए गए हैं। नियमित निगरानी और परीक्षणों के बाद तैयार किए गए रोगमुक्त पौधे बागवानों को दिए जाएंगे। सेब के अतिरिक्त नाशपाती, आडू, नेक्टराइन, प्लम, चेरी, खुमानी, बादाम, अखरोट, हेज़लनट, अनार, कीवी, पीकनट, अंजीर, अंगूर के पौधे भी उपलब्ध करवाए जाएंगे।

हिमाचल प्रदेश के बागवानी एवं राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी के अनुसार इस साल सरकार विदेशों से सेब के पौधे आयात नहीं करेगी। बागवानों को विभाग की नर्सरियों में तैयार किए गए उन्नत किस्म के 5 लाख पौधे उपलब्ध करवाए जाएंगे। विदेशों से सिर्फ गुठलीदार फलों के पौधे ही आयात किए जाएंगे।

बागवानी विभाग की नर्सरियों से बागवान सेब की जिन उन्नत किस्म की सेब की पौध ले सकेंगे, उनमें एम्ब्रोसिया, किंग रोट, रेड कैप वाल्टोड, जेरोमाइन, रेड वेलॉक्स, सुपर चीफ, शलेक्ट स्पर, चेलन स्पर, स्कार्लेट स्पर-11, ओरेगॉन स्पर-11, अर्ली रेड वन, रॉयल रेड हनी क्रिस्प, रॉयल डिलीशियस, डार्क बैरन गाला, रेडलम गाला, गेल गाला, बेगेंट गाला, बक आई गाला, ब्रुक फील्ड गाला, गालावल, गाला श्निगा श्निको, गाला सिमंस, गेल गाला मलागा, गाला वीनस फेंगल, गाला अल्टिमा, औविल अर्ली फूजी, एज्टेक फूजी, रेड फूजी, सन फूजी, पिंक लेडी, सेप्टन वंडर, गिब्सन गोल्डन, गोल्डन डेल, जिंजर गोल्ड, ग्रैनी स्मिथ, रेड कैमियो, अन्ना, मंचूरियन क्रैब्स के अलावा क्लोनल रूट स्टॉक- बड-9, बड-10, बड-118, ईएमएलए-7, ईएमएलए-9, ईएमएलए-26, ईएमएलए-27, ईएमएलए-106, ईएमएलए- 111, एम-7, एम-9, एम9टी 337, एम116, एम-793, एमएम-106, एमएम-111, पजाम-2, मार्क प्रमुख प्रजातियां हैं।

इन पौधशालाओं से बागवान अन्य फलों की ज्यादा फल देने वाली पौध भी निर्धारित दामों पर ले सकेंगे। बदलते मौसम चक्र के मद्देनजर तैयार पौध की मदद से हिमाचल प्रदेश को बागवानी को बढ़ावा देने और फलों के निर्यात को प्रोत्साहित करना है।

About

Check Also

अब तक एक लाख ग्राम चौपाल में 4 लाख से अधिक स्थानीय मामलों को किया जा चुका है निस्तारण

प्रदेश की पंचायतों की भूमिका अब पहले से अधिक महत्वपूर्ण और जवाबदेही भरी हो गई …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *