ओडिशा में धान की खेती करने वाले किसानों के लिए इस बार राज्य सरकार धान बेचने वाले किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के अलावा 800 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बोनस देगी. इसकी जानकारी खुद मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने दी है। उन्होंने कहा कि 8 दिसंबर को बरगढ़ जिले के सोहेला से धान के लिए 2,300 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य के अलावा 800 रुपये की अतिरिक्त इनपुट सहायता राशि वितरित करेंगे। इससे किसानों को काफी फायदा होगा।
मिली जानकारी अनुसार मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी धान खरीद केंद्रों पर अपनी उपज बेचने वाले किसानों को 8 दिसंबर तक केवल 2,300 रुपये का एमएसपी मूल्य दिया जाएगा। खास बात यह है कि बरगढ़ जिले में 20 नवंबर से और संबलपुर जिले में 22 नवंबर से धान की खरीद शुरू हो रही है। हालांकि, नोआपाड़ा जिले के लिए धान खरीद की तारीख अभी तक तय नहीं की गई है। वहीं, राज्य सरकार के इस फैसले से किसानों के बीच खुशी की लहर है।
समर्थन मूल्य प्रणाली के तहत धान बेचने के लिए पंजीकरण कराने वाले किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए शिकायत निवारण तंत्र स्थापित किया गया है। धान खरीद के लिए राज्य सरकार की अधिकृत एजेंसी ओडिशा राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के कार्यालय में एक कॉल सेंटर संचालित होगा, जहां दो शिफ्टों में 30 लोग काम करेंगे। कॉल सेंटर 31 मार्च को धान खरीद समाप्त होने तक संचालित रहेगा। इसी तरह किसानों की सुविधा के लिए प्रत्येक जिले में एक नियंत्रण कक्ष होगा। श्री सिंह देव ने कहा कि धान खरीद की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से हो, इसके लिए मंडियों में नोडल अधिकारी और पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं।
कृषि एवं किसान सशक्तिकरण एवं ऊर्जा विभाग का प्रभार भी संभाल रहे सिंह देव ने बताया कि अनाज की गुणवत्ता जांच के लिए स्वचालित अनाज विश्लेषक का उपयोग किया जाएगा। ओडिशा में 4,000 टन से अधिक धान स्टोरेज क्षमता वाले 200 बड़े पीपीसी में इन मशीनों को लगाने के लिए पहले ही व्यवस्था की जा चुकी है। इसके साथ ही नमी जांचने वाली मशीन की भी व्यवस्था की गई है।
संबलपुर जिले में हाल ही में तीन हाथियों की करंट लगने से हुई मौत पर सिंह देव ने कहा कि इस घटना का कारण जंगली सूअरों के शिकार के लिए स्थानीय लोगों द्वारा लगाए गए अवैध बिजली के बाड़ हैं। उन्होंने अपराधियों को सजा दिलाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, “हर कोई जानता है कि बिजली के तारों का इस्तेमाल जंगली सूअरों के शिकार के लिए करने वाले लोगों की वजह से ही हाथियों की मौत हुई है। सरकार पूरी जांच करेगी और दोषी पाए जाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”