मुजफ्फरपुर की शाही लीची की इस साल विदेश में अच्छी मांग होने की ख़बर है। गर्मी बढ़ने से लीची के बागों में इस समय सिंचाई का काम तेजी से चल रहा है। बागों की नमी बनाए रखी जा सके। लीची उत्पादकों का कहना है कि इस बार शाही लीची की फसल अच्छी होगी। बागों में कीटनाशकों का छिड़काव अप्रैल के अंत में किया जाएगा और मधुमक्खी के बक्से भी रखे गए हैं। मौसम भी इस बार साथ दे रहा है, इसलिए उम्मीद है कि लीची की फसल अच्छी होगी।
मुजफ्फरपुर में इस बार शाही लीची की पैदावार बहुत अच्छी होने की उम्मीद जताई जा रही है। लीची उत्पादक उत्साहित हैं। विदेशी बाजारों में इस लीची के निर्यात को लेकर बातचीत शुरू हो चुकी है। बागों का चयन भी किया जा रहा है। लखनऊ से मुजफ्फरपुर पहुंचे माही ट्रेडिंग कंपनी के प्रतिनिधि दीपक कुमार मिश्रा ने कांटी, बंदरा और मुशहरी के लीची बागों का निरीक्षण किया है। उनकी कंपनी खाड़ी देशों में लीची निर्यात करेगी।
मुजफ्फरपुर जिले में करीब एक लाख टन लीची का उत्पादन होता है। लीची के बागों करीब 12 हजार हेक्टेयर में फैले हुए है। बताते हैं कि पिछले साल के मुकाबले इस बार लीची की मांग विदेशों में काफी बढ़ी है। पिछले साल किसानों को पूरी आपूर्ति नहीं कर पाने के कारण मांग और आपूर्ति में अंतर था। लेकिन इस बार किसानों ने पूरी तैयारी कर ली है और पहले से ही खरीदार आकर बागों का निरीक्षण कर रहे हैं। इसी बीच फसल के हिसाब से सौदा भी हो रहा है।
सभी बागों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विशेष तैयारी की जा रही है। एक जानकारी अनुसार माही ट्रेडिंग कंपनी के प्रतिनिधि इस महीने के अंत में फिर से बागों का निरीक्षण करेंगे और उन्हीं बागों का चयन करेंगे, जिन्हें विदेश भेजा जाएगा। इसके अलावा लुलु मॉल के प्रतिनिधि भी इस महीने में बागों का निरीक्षण करने आएंगे। लीची लंबे समय तक सुरक्षित रहे। इसे वातानुकूलित वाहनों के जरिए लखनऊ एयरपोर्ट तक भेजा जाएगा, जहां से इसे खाड़ी देशों और यूरोप के विभिन्न बाजारों में निर्यात किया जाएगा।
राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के निदेशक ने भी फसल को लेकर सकारात्मक जानकारी दी है। उन्होंने कहा, “मुजफ्फरपुर के कई बागों का निरीक्षण किया गया है और अब तक लीची की स्थिति बहुत अच्छी दिख रही है। इस साल मुजफ्फरपुर के किसानों को लीची की बेहतर फसल से बड़ी उम्मीदें हैं। अगर मौसम साथ देता रहा, तो इस बार न केवल लीची की अच्छी पैदावार होगी, बल्कि इसका निर्यात भी बड़े स्तर पर किया जा सकेगा।