हरियाणा में मुख्यमंत्री नायाब सिंह सैनी सरकार ने नए बीज अधिनियम के अनुसार अगर कोई बीज और कीटनाशक निर्माता कंपनी पहली बार दोषी पाई गई तो 2 साल तक कैद और 3 लाख तक जुर्माना होगा। यदि कंपनी दोबारा दोषी मिली तो यह 3 साल तक सजा और 5 लाख रुपए तक जुर्माना होगा। वहीं, डीलर को एक साल तक सजा और 50 हजार रुपए तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है
हालांकि सूबे में किसानों को नक़ली खाद,बीज और कीटनाशकों के नुकसान से बचाने की मंशा से लाये गये इस विधेयक का किसान संगठनों ने समर्थन किया है। भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) गुट ने हरियाणा बीज विधेयक 2025 का समर्थन करते हुए इसे किसानों के हित में बताया है। यूनियन ने बीज उत्पादकों और विक्रेताओं द्वारा की जा रही हड़ताल को अनैतिक करार दिया है और आरोप लगाया कि यह हड़ताल किसानों को नुकसान पहुंचाने के इरादे से की जा रही है। बीकेयू (चढूनी) के नेताओं ने कहा कि व्यापारी वर्ग किसानों का करोड़ों रुपयों का नुकसान कर स्वयं मुनाफा कमाने में लगे रहते हैं। उन्होंने मांग की कि जो व्यापारी बीजों की गुणवत्ता से समझौता करते हैं या नियमों का उल्लंघन करते हैं, उन्हें सख्त सजा दी जानी चाहिए।
चढूनी संगठन ने सैनी सरकार को यह भी सुझाव दिया कि सरकार को हर जिले में बीज की गुणवत्ता जांचने के लिए अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं स्थापित करनी चाहिए ताकि किसान असली और उच्च गुणवत्ता वाले बीज प्राप्त कर सकें। इसके अलावा, बीकेयू ने पंचायत स्तर पर कृषि चिकित्सकों की नियुक्ति की भी मांग की ताकि किसानों को स्थानीय स्तर पर कृषि संबंधी समस्याओं का समाधान मिल सके।
भारतीय किसान यूनियन (मान) के प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर गुणी प्रकाश ने व्यापारियों द्वारा इस कानून के विरोध को अनैतिक बताया। श्री प्रकाश ने हरियाणा सरकार से इस एक्ट को सख़्ती से शीघ्र लागू करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि भारतीय किसान यूनियन(मान) इसके लिए सरकार के साथ है।
दूसरी ओर हरियाणा फर्टिलाइजर, पेस्टिसाइड एवं सीड ट्रेडर्स एसोसिएशन की प्रदेश स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया है। जिसमें सभी 22 जिलों से एसोसिएशन के प्रधान, महासचिव व अन्य प्रतिनिधि शामिल रहे। इस दौरान हड़ताल को जारी रखने का निर्णय लिया गया। सभी ने कहा कि जब तक सरकार सीड्स व पेस्टिसाइड एक्ट 2025 को वापस नहीं लेती प्रदेश में दुकानें बंद रखी जाएंगी।