उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद द्वारा नव विकसित गन्ना प्रजाति 18231 का अनुसंधान/परीक्षण डेटा प्रस्तुत किया गया। गन्ने की किस्म कोशा 18231 की उपज 90.16 टन प्रति हेक्टेयर है। यह उत्पादन दर से 11.36 एवं 27.92 प्रतिशत अधिक पाया गया। गन्ने की कोशा नस्ल. 18231 में रस में चीनी का प्रतिशत भी तुलनात्मक रूप से अधिक पाया गया।उपलब्ध आंकड़ों के विस्तृत तुलनात्मक अध्ययन के बाद, उप-समिति ने सर्वसम्मति से पूरे राज्य के लिए गन्ना किस्म कोशा 18231 (प्रारंभिक) को मंजूरी दे दी।
भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ ने दोनों नव विकसित गन्ना किस्मों कोयल 16202 (फास्ट) और कोयल 15206 को मंजूरी दे दी है। सरकार ने राज्य में गन्ना किसानों के लिए इन तीन नई किस्मों की सिफारिश की है। उपरोक्त गन्ना किस्मों के बीज आगामी वर्ष में शरदकालीन बुआई अवधि के दौरान किसानों को उपलब्ध होंगे।
उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान ने गन्ने की एक नई किस्म विकसित की है। गन्ने की यह किस्म किसानों को बंपर उत्पादन देगी. चीनी मिलों को अच्छा चीनी परता मिलेगा। यह किस्म लाल सड़न रोग प्रतिरोधी है। खास बात यह है कि इस किस्म से पेड़ी को फसल से भी अच्छा उत्पादन लिया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान के प्रसार अधिकारी डॉ. संजीव कुमार पाठक ने बताया कि गन्ने की नई किस्म को.शा. 18231 जिसे हाल ही में शाहजहांपुर गन्ना शोध संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित किया गया है। यह किस्म किसानों की पसंदीदा किस्म को.0238 की तरह ही बंपर उत्पादन और चीनी मिलों को अच्छा चीनी परता देने वाली किस्म है। इस किस्म का बीज उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान शाहजहांपुर द्वारा हाल ही में किसानों को वितरित भी किया गया था। किसान इसकी बुवाई कर रहे हैं।
मिली जानकारी अनुसार गन्ने की नई किस्म को.शा. 18231 जो एक हेक्टेयर गन्ने की फसल से 900 से 920 क्विंटल तक उत्पादन देने की क्षमता रखती है। यह किस्म चीनी मिलों के लिहाज से भी काफी अच्छी है. इससे 13.42 प्रतिशत चीनी परता रिकवर किया गया है। ये किस्म लाल सड़न रोग प्रतिरोधी है। इसका गन्ना मोटा, जमाव बेहतर और ज्यादा कल्ले करने की क्षमता रखती है। इस किस्म से किसानों को पेड़ी की फसल भी अच्छी मिलेगी। को.शा. 18231 गन्ने की किस्म अगेती बुवाई के लिए बेहद ही अच्छी है।