अब तक दार्जिलिंग के 87 चाय बागानों में से 12 बगान बंद हैं। इसके साथ ही दार्जिलिंग के चाय बागानों में काम करने वाले 15,000 चाय श्रमिक बेरोजगार हैं। इनके सामने जीविकोपार्जन की बड़ी समस्या पैदा हो गई है। दुनिया भर में बेहतरीन चाय के स्वाद के लिए प्रसिद्ध दार्जिलिंग के बागानों में उत्पादन घट रहा है।
एक जानकारी के अनुसार दार्जिलिंग में यहां लगभग छह मिलियन किलोग्राम चाय का उत्पादन होता है। कुछ वर्षों से दार्जिलिंग चाय उद्योग के हितधारकों ने नेपाल चाय की आमद पर चिंता व्यक्त की है। चाय बागान मालिकों का आरोप है कि नेपाल में तैयार चाय को भारत में आयात किया जाता है और फिर दार्जिलिंग चाय का टैग लगाकर उसे दूसरे देशों में निर्यात किया जाता है।
बागान मालिकों ने कहा कि पड़ोसी देश नेपाल की चाय घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में दार्जिलिंग चाय के बाजार को प्रभावित कर रही है।दार्जिलिंग के चाय बागानों की स्थिति में सुधार लाने के लिए दार्जिलिंग से भाजपा सांसद राजू बिष्ट ने इस संदर्भ में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा और बंद चाय बागानों को खुलवाने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की है। राजू बिष्ट ने कहा कि एक-एक करके पिछले कुछ महीने में दार्जिलिंग के पांच चाय बागान बंद हो गए। पिछले कुछ महीने में दार्जिलिंग के पांच चाय बागान बंद हो गए। चाय उद्योग के साथ ही इनके श्रमिकों की स्थिति दयनीय हो गई है। इसलिए केंद्रीय वाणिज्य मंत्री और बंगाल की मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है और दोनों से बेरोजगार श्रमिकों और उनके परिवारों की मदद के लिए हस्तक्षेप की मांग की है।
चाय उद्योग से जुड़े संगठनों के पदाधिकारियों ने केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल को लिखे अपने पत्र में, राजू बिष्ट ने लिखा है कि 1953 के चाय अधिनियम के अनुसार, भारतीय चाय बोर्ड समस्याओं से जूझ रहे चाय बागानों का अधिग्रहण कर सकता है। टी बोर्ड इन बंद चाय बागानों का अधिग्रहण करे या केंद्रीय को-ऑपरेशन मंत्रालय के तहत श्रमिकों की सहकारी समितियों को इन्हें चलाने की अनुमति दे।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखे अपने पत्र में, राजू बिष्ट ने दार्जिलिंग के बंद चाय बागानों को फिर से खोलने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए राज्य श्रम विभाग को सक्रिय करने का अनुरोध किया। बिष्ट ने कहा कि कुछ चाय बागान मालिकों ने दुर्गा उत्सव से पहले श्रमिकों को बोनस नहीं दिया है, जिससे वे असंतुष्ट हैं। मैंने मुख्यमंत्री से पहाड़ के चाय बागानों से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए शीघ्र हस्तक्षेप का अनुरोध किया है। हमें आशंका है कि देर होने पर स्थिति बिगड़ सकती है।