मध्य प्रदेश सरकार ने सोयाबीन के एमएसपी को मौजूदा 4,000 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 4,800 रुपये प्रति क्विंटल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। यह कदम ऐसे दिन उठाया गया है जब कांग्रेस की राज्य इकाई ने अपनी किसान न्याय यात्रा शुरू की है।
कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि प्रस्ताव अब मंजूरी के लिए केंद्र को भेजा जाएगा। श्री विजयवर्गीय ने कहा, “मुख्यमंत्री ने बैठक में प्रस्ताव रखा कि हम केंद्र से सोयाबीन का एमएसपी बढ़ाकर 4,800 रुपये करने का अनुरोध करेंगे, क्योंकि बाजार में मौजूदा भाव 4,000 रुपये है। किसानों का मानना है कि इस साल उनकी उपज अच्छी रही है, लेकिन उन्हें सही कीमत नहीं मिल रही है।”
मध्य प्रदेश देश का सबसे बड़ा सोयाबीन उत्पादक राज्य है, जहां देश का 50% से अधिक सोयाबीन उत्पादन होता है और इसे ‘सोयाबीन राज्य’ के नाम से भी जाना जाता है।
विभिन्न किसान संगठन और विपक्षी कांग्रेस पिछले कुछ सप्ताह से सोयाबीन के एमएसपी में उल्लेखनीय वृद्धि की मांग कर रहे हैं।
सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने को लेकर मध्यप्रदेश में किसानों की मांग जारी है। सोयाबीन की मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा फसल होती है। कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने हाल ही में मांग की थी कि एमएसपी को लगभग 6,000 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया जाना चाहिए और उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने की मांग की थी।
श्री सिंह ने आरोप लगाया था कि सोयाबीन का मूल्य अभी भी लगभग उतना ही है जितना किसानों को 11 वर्ष पहले मिल रहा था।
इससे पहले दिन में केंद्रीय कृषि मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एमएसपी पर सोयाबीन खरीदने की केंद्र की प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि तीन राज्यों के प्रस्तावों को पहले ही मंजूरी दे दी गई है और मध्य प्रदेश के प्रस्ताव पर जल्द ही विचार किया जाएगा।