गेहूं खरीद के लिए हरियाणा-पंजाब में किसानों का रुख मंडियों की तरफ है। इस बार गेहूं की अच्छी फसल हुई है। गेहूं खरीद केन्द्रों पर किसानो की भीड़ है। सरकार ख़रीद करने के बाद भुगतान भी तय वक्त के भीतर कर रही है। हरियाणा में यमुना नगर अनाज की बड़ी मंडी है। हरियाणा की इस बड़ी मंडी में गेहूं की आवक लगातार बनी हुई है। बीती 2 मई तक जिले की सभी 13 अनाज मंडियों में सरकारी एजेंसियों द्वारा 2,64,873 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है। इसमें से 2,11,532 मीट्रिक टन गेहूं का उठान हो चुका है और अब केवल 53,341 मीट्रिक टन गेहूं ही मंडियों में पड़ा है। यमुना नगर में गेहूं खरीद केन्द्रों पर किसानों को तौल से लेकर पीने के पानी तक कई सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। जिले में सबसे ज्यादा 95.01 फीसदी गेहूं (4758 मीट्रिक टन) जठलाना अनाज मंडी से उठाया गया है। वहीं, सरकार ने किसानों को 449.87 करोड़ रुपये (93.49 फीसदी) का भुगतान किया है। जगाधरी अनाज मंडी से 91.36 प्रतिशत (35398 मीट्रिक टन) गेहूं का उठाव हुआ है। इसके बाद सरस्वती नगर अनाज मंडी से 86.48 प्रतिशत (32215 मीट्रिक टन) और प्रताप नगर अनाज मंडी से 84.52 प्रतिशत (32138 मीट्रिक टन) गेहूं का उठान किया गया है।
जगाधरी जिले में खरीद केन्द्रों पर गेहूं की आवक लगातार बनी हुई है। बिलासपुर अनाज मंडी से 80.71 प्रतिशत (21934 मीट्रिक टन), यमुनानगर अनाज मंडी से 80.62 प्रतिशत (208 मीट्रिक टन) और खारवन अनाज मंडी से 75.49 प्रतिशत (3474 मीट्रिक टन) गेहूं उठाया गया है। इसी प्रकार, रसूलपुर अनाज मंडी से 73.47 प्रतिशत (5919 मीट्रिक टन), रणजीतपुर अनाज मंडी से 73.24 प्रतिशत (7816 मीट्रिक टन) और छछरौली अनाज मंडी से 72.05 प्रतिशत (22360 मीट्रिक टन) गेहूं उठाया गया है। वहीं, रादौर अनाज मंडी से 71.22 प्रतिशत (29650 मीट्रिक टन), गुमथला राव अनाज मंडी से 70.02 प्रतिशत (4879 मीट्रिक टन) और साढौरा अनाज मंडी से 69.80 प्रतिशत गेहूं (10783 मीट्रिक टन) गेहूं का उठान हुआ है। हरियाणा सरकार ने गेहूं खरीद का किसानों को किसानों को जल्दी व सुगमता से भुगतान भी कराया है। बैंक की मार्फत भुगतान सभी किसानों के खाते में पहुंचाने का दावा है। मिली जानकारी अनुसार किसानों को 449.87 करोड़ रुपये (93.49 प्रतिशत) का भुगतान किया है। यमुनानगर के उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने कहा कि जिले की सभी अनाज मंडियों में गेहूं की खरीद एवं उठान का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। उन्होंने कहा कि अनाज मंडियों में किसानों, आढ़तियों और मजदूरों को पीने के पानी सहित सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।