बीते साल की तुलना में ईरान, रूस व कई यूरोपीय देशों के भारत से 62 फीसदी चाय का आयात घटाए जाने से भारतीय चाय उत्पादकों की मुश्किल बढ़ गई है। ईरान जाने वाली चाय की भारत में खपत नहीं होने से स्टॉक खराब होने के साथ ही कीमत निकलने के संकट ने उत्पादकों को चिंता में डाल दिया है। चाय ट्रेडर्स और उत्पादकों ने भारत सरकार से ईरान, रशियन फेडरेशन और यूरोपीय खरीददारों से बात करने की अपील की है। इसका असर चाय बागान मजदूरों पर पड़ना स्वाभाविक है।
साउथ इंडिया टी एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अनुसार चाय शिपमेंट में गिरावट के कारण निर्यातकों के पास ईरान की पसंद वाले कुछ निश्चित ग्रेड के पारंपरिक चाय ग्रेड के भरपूर स्टॉक हैं, जिनकी भारतीय घरेलू बाजार में खपत नहीं होती है। एक जानकारी के अनुसार कीटनाशकों से संबंधित मुद्दों के कारण यूरोप में निर्यात की मात्रा में भी कमी आई है। यह स्थितियां भारतीय चाय उत्पादकों के लिए मुश्किल पैदा कर रही हैं। इराक, ट्यूनीशिया, रूस जैसे अन्य देशों के लिए निर्यात अच्छा चल रहा है।
जनवरी- अक्टूबर 2023 के दौरान दक्षिण भारतीय से चाय निर्यात मौजूदा अवधि के दौरान 2.2 मिलियन किलोग्राम से कुछ अधिक था। यह क्षेत्र भारत के उत्पादन का लगभग 50 प्रतिशत और कुल भारतीय निर्यात का 50 प्रतिशत एक्सपोर्ट करता था, जो अब घटकर 36 प्रतिशत रह गया है।
निर्यात बाजार में ऑर्थोडॉक्स चाय की कीमत 150 से 200 रुपये के बीच बेहतर है, जबकि सीटीसी ग्रेड की कीमत 90 से 95 रुपये है. कम खपत के चलते जनवरी-अक्टूबर 2023 के दौरान भारतीय चाय का निर्यात 3.06 मिलियन किलोग्राम था, जो 182.69 मिलियन किलोग्राम कम था. मुख्य रूप से ईरान जैसे कुछ प्रमुख खरीदार देशों की ओर से चाय के सेवन में कमी किए जाने से आयात में गिरावट दर्ज
की गई। ईरान को निर्यात होने वाली चाय 15.7 मिलियन किलोग्राम कम हो गई. इसी तरह रसियन फेडरेशन ने 5.51 मिलियन किलोग्राम कम आयात किया और संयुक्त अरब अमीरात के आयात में 4.5 मिलियन किलोग्राम की गिरावट दर्ज की गई है। दूसरी ओर इराक को निर्यात में 16.8 मिलियन किलोग्राम और तुर्की को 4.27 मिलियन किलोग्राम के निर्यात में सुधार देखा गया।
वर्ष 2021-22 के दौरान भारत का कुल चाय निर्यात मात्रा में 201 मिलियन किलोग्राम था। भारत से निर्यात की जाने वाली अधिकांश चाय काली चाय है जो कुल निर्यात का लगभग 96% है।
भारत का उत्तरी भाग 2021-22 में देश के वार्षिक चाय उत्पादन का लगभग 83% के साथ सबसे बड़ा उत्पादक है, जिसमें अधिकांश उत्पादन असम में होता है तथा उसके बाद पश्चिम बंगाल का स्थान है। असम घाटी और कछार असम के दो चाय उत्पादक क्षेत्र हैं।
पश्चिम बंगाल में डुआर्स, तराई और दार्जिलिंग तीन प्रमुख चाय उत्पादक क्षेत्र हैं। भारत का दक्षिणी भाग देश के कुल उत्पादन का लगभग 17% उत्पादन करता है, जिसमें प्रमुख उत्पादक राज्य तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक हैं।