तयशुदा दाम पर यूरिया खाद की मांग रबी की फसलों यानी सर्दियों में ज्यादा होती है। नीम कोटेड यूरिया की तरह से सरकार ने सल्फर कोटेड यूरिया को बाजार में मुहैया कराने की मंजूरी दे दी है। सरकार ने सल्फर कोटेड यूरिया के प्रति बैग रेट भी तय कर दिए हैं।
यूरिया गोल्ड नाम से बाजार में उतारने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के उर्वरक विभाग ने उर्वरक निर्माता कंपनियों से कहा है कि इसकी कीमत जीएसटी सहित 266.50 रुपये होगी। अब नीम लेपित यूरिया के 45 किलोग्राम बैग के समान एमआरपी पर 40 किलोग्राम बैग में सल्फर कोटेड यूरिया की बिक्री शुरू होगी।
मिली जानकारी के अनुसार सल्फर कोटेड यूरिया में नाइट्रोजन के साथ सल्फर की कोटिंग होती है। सल्फर पौधों के लिए बेहद जरूरी होता है। इसलिए जमीन में हो रही सल्फर की कमी को पूरा करने में मदद करती है। सल्फर, पौधों में प्रोटीन बनाने और रोग से सुरक्षा करताय है। सल्फर लेपित यूरिया के उपयोग से फसलों की उत्पादकता बढ़ती है।
कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स यानि सीसीईए ने सल्फर कोटेड यूरिया को पेश करने के लिए मंजूरी दे दी है। ये यूरिया 266.5 रुपये प्रति 40 किलो के बैग में उपलब्ध कराया जाएगा। सल्फर-कोटेड यूरिया से मिट्टी के स्वास्थ्य को बढ़ाने, पोषक तत्वों का पूरा फायदा उठाने और फसल की बेहतर पैदावार सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है। सल्फर कोटेड यूरिया के बैग की कीमत को नीम कोटेड यूरिया 45 किलो के बैग के अनुसार रखा गया है। इससे किसानों को सल्फर कोटेड यूरिया का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए प्रेरित किया जा सकेगा और उनपर लागत का कोई दबाव नहीं आएगा। इसके साथ ही इससे पर्यावरण के अनुकूल फटिलार्जर का इस्तेमाल बढ़ाया जा सकेगा।
सल्फर कोटेड यूरिया या यूरिया गोल्ड को पिछले साल ही लॉन्च किया गया था। सरकार ने किसानों की उपज बढ़ाने और मिट्टी का स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए यूरिया गोल्ड को लॉन्च किया था। इसके इस्तेमाल से पौधों में नाइट्रोजन का बेहतर इस्तेमाल करने की क्षमता बढ़ती है। साथ ही इसके इस्तेमाल से उवर्रक की खपत भी कम होती है। किसानों को इसका डबल फायदा मिलता है। जहां एक तरफ उनकी उपज बढ़ती है वहीं दूसरी तरफ लागत भी कम होती है जिससे उनकी कमाई और बेहतर हो जाती है।