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मौसम की मार इस साल आम आदमी पर ही नहीं राजा ‘आम’ पर भी

आम फलों का राजा नहीं प्रधानमंत्री है। चुनावी नतीजों की तरह आम सभी को बेसब्री से इंतज़ार रहता है। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा किस्म का आम पैदा होता है। रसीले आम कर्नाटक में भी होते हैं। जलवायु परिवर्तन का असर आम के बागों पर भी पड़ा है। कर्नाटक सूबे में श्रीनिवासपुर के दम पर कोलार को एशिया का सबसे बड़ा आम उत्पादक जिला होने का गौरव प्राप्त है। यहां पर आम के होलसेल विक्रेता निसार बताते हैं कि लगभग 40 हेक्टेयर में आम की खेती होती है। कुछ जलवायु का असर और कुछ माटी की सुगंध, श्रीनिवासपुर के आम पूरी दुनिया में अपने स्वाद का जादू फैला देते हैं।श्रीनिवासपुर में मलगोवा, शक्करबीजा, तोतापुरी, रसपुरी, प्रिया, बंगनपल्ली, काला पहाड़, मल्लिका, बादामी आदि किस्मों के आम पैदा होते हैं।

किसानों के अनुसार लगातार बेमौसमी बारिश और प्रतिकूल मौसम ने फसलों को प्रभावित किया। कोलार के चिंतामणि के एक किसान रामा के अनुसार इस साल मौसम आम के उत्पादन के लिए प्रतिकूल रहा है। आम तौर पर बारिश मार्च में होती है, लेकिन इस बार मई में हुई, इसलिए गुणवत्ता और आकार पर असर पड़ा। अगर बारिश सही समय पर होती, तो बिक्री बेहतर होती और आमों का स्वाद भी बेहतर होता। राज्य के मंड्या, चिकबल्लापुर, रामनगर, मैसूरु में भी आम पैदा होता है। दरअसल, आम की कुल पैदावार का एक बड़ा हिस्सा आम से जुड़े उत्पादों, मैंगोड्रिंक्स, स्कवैश, जैम, जैली के लिए बिक जाता है।

आम के पेड़, पत्ते, फल, लकड़ियां की भारतीय संस्कृति से जुड़ी है।भारतीय संस्कृति व परिवार का एक अहम हिस्सा रहा है। आम के पत्ते जहां वंदनवार के रूप में शुभ मौके पर शोभा बढ़ाते रहे हैं वहीं आम की लकड़ी पूजा-पाठ, यज्ञ के काम आती रही है। दादी-नानी के हाथों का हुनर आम के अचार में दिखाई देता रहा है जिसका जिक्र आते ही मुंह में पानी आ जाता है। वहीं अमावट का खट्टा-मीठा स्वाद कौन भूल सकता है। पूरी दुनिया में आमों की 1500 से ज्यादा किस्में हैं, जिनमें 1000 किस्में तो अकेले भारत में उगाई जाती हैं। आम के उत्पादन के मामले में भारत दुनियाभर में पहले स्थान पर है।

कर्नाटक राज्य में इस साल आम की पैदावार में भारी कमी के कारण आम के दाम ऊंचे स्तर पर हैं। इमाम पसंद और मलगोबा जैसी किस्मों की कीमत 200 से 250 रुपए प्रति किलोग्राम के बीच है, जबकि मल्लिका, दशहरी, बादामी,अल्फांसो और रसपुरी की कीमत 100 से 150 रुपए प्रति किलोग्राम है। वहीं तोतापुरी 50 से 70 रुपए प्रति किलोग्राम सिंधूरा 70-90 रुपए प्रति किलोग्राम में उपलब्ध है।मार्च के बदले मई में बरसे बदरा। श्रीनिवासपुर व पास के किसानों के अनुसार लगातार बेमौसमी बारिश और प्रतिकूल मौसम ने फसलों को प्रभावित किया।

 

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