बीज से बाजार तक की संकल्पना पर आधारित एक परियोजना में सूबे में फलों की बड़ी मण्डी के रूप में विकसित किया जायेगा। यह परियोजना हिमाचल प्रदेश सरकार, केन्द्र सरकार और एशियन विकास बैंक के संयुक्त तत्वावधान में संचालित होगी।
इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम -‘एचपी शिवा परियोजना’ के ऋण समझौते पर भारत सरकार, एशियन विकास बैंक और प्रदेश सरकार के बीच समझौता हस्ताक्षरित किया गया है।
परियोजना के पहले चरण में 257 क्लस्टरों में 4000 हेक्टेयर भूमि पर संतरा, अमरुद, अनार, लीची, आम, प्लम, पिकननट और जापानी फल रोपे जाएंगे। वर्ष 2023 से 2028 तक 15,000 बागवान परिवारों को प्रत्यक्ष लाभ देते हुए 60 लाख फल पौध रोपने का लक्ष्य रखा गया है। समझौते पर आर्थिक मामले विभाग के अतिरिक्त सचिव भारत सरकार, एशियाई विकास बैंक के भारतीय इकाई के निदेशक तथा सचिव उद्यान हिमाचल प्रदेश सरकार ने हस्ताक्षर किए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने राज्य के लोगों को बधाई देते हुए परियोजना को सफल बनाने का आवाहन किया है।
उद्यान सचिव अमिताभ अवस्थी ने बताया कि परियोजना के लागू होने से राज्य के बागवानों को स्वरोजगार के साथ-साथ फलों के उत्पादन से राज्य की आर्थिकी में प्रगति होगी। रोजगार के नए अवसरों का सृजन होगा। पर्यावरण संरक्षण व संतुलन की दिशा में भी राज्य के योगदान में वृद्धि होगी।
परियोजना का क्रियान्वयन राज्य के उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु वाले क्षेत्रों के 7 जिलों (बिलासपुर, हमीरपुर, कांगडा, मंडी, सोलन, सिरमौर तथा ऊना) के 28 विकास खंडों में 162 सिंचाई योजनाओं के माध्यम से 400 बागवानी क्लस्टरों के 6000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में कुल 2 चरणों में किया जाएगा।
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