हिमाचल प्रदेश का सेब देशभर में अपनी साख बनाए हुए है। इस बार प्रदेश में हिमाचली सेब ने रिकार्ड उत्पादन दिया है। हिमाचल प्रदेश के जिला किन्नौर में सेब का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। इस वर्ष रविवार तक जिले से सेब की 45 लाख पेटियां देश-प्रदेश की विभिन्न मंडियों में पहुंच चुकी हैं।
साल 1970 से अब तक किन्नौर जिले में इस साल सेब का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। इस वर्ष जिले से सेब की 45 लाख पेटियां देश और प्रदेश की विभिन्न मंडियों के लिए भेजी जा चुकी हैं। जिले में अब तक सबसे अधिक सेब उत्पादन साल 2022-23 में हुआ था। इस वर्ष जिले में सेब की 41 लाख से अधिक पेटियों का उत्पादन हुआ था।
अब यूनिवर्सल कार्टन लागू होने से भी बागवानों को खासा मुनाफा हो रहा है। गौरतलब है कि जनजातीय जिला किन्नौर में उगने वाला सेब अपने स्वाद, मिठास और गुणवत्ता के लिए देश-प्रदेश में मशहूर है।
हर वर्ष जिले में सेब की लाखों पेटियां का उत्पादन होता है। इस वर्ष जिले में सेब का अब तक रिकॉर्ड उत्पादन दर्ज किया गया है। इस वर्ष रविवार तक जिले से सेब की 45 लाख पेटियां देश-प्रदेश की विभिन्न मंडियों में पहुंच चुकी है। साल 1970 से अब तक किन्नौर जिले में इस साल सेब का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। इस वर्ष जिले से सेब की 45 लाख पेटियां देश और प्रदेश की विभिन्न मंडियों के लिए भेजी जा चुकी हैं। जिले में अब तक सबसे अधिक सेब उत्पादन साल 2022-23 में हुआ था। इस वर्ष जिले में सेब की 41 लाख से अधिक पेटियों का उत्पादन हुआ था।
इस वर्ष बागवानों को प्रति पेटी के 15 सौ से 29 सौ रुपए दाम मिले हैं। बंपर फसल के बावजूद किन्नौर के सेब को बेहतर दाम मिल रहे हैं। जिले में अब सेब की आधुनिक तकनीक से पैदावार की जा रही है। खाली पड़ी जगहों में भी सेब की नई पौध लगाई जा रही है। जिले में हर वर्ष बागवान अपनी आर्थिकी को मजबूत कर रहे हैं। इस वर्ष भी जिले में सेब से बागवानों को करीब आठ करोड़ की कमाई हुई है। ।
किनफैड किन्नौर के पूर्व उपाध्यक्ष कमल किशोर नेगी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने इस वर्ष से यूनिवर्सल कार्टन को शुरू किया है। इससे जहां बागवानों को लाभ मिल रहा है, वहीं सेब आढ़तियों को भी इसका फायदा पहुंच रहा है। पहले जहां एक पेटी में 28 से 32 किलोग्राम सेब जाता था, वहीं अब यूनिवर्सल कार्टन के चलते प्रति पेटी 22 से 24 किलोग्राम सेब बिक रहा है। खाली पड़ी जगहों में भी सेब की नई पौध लगाई जा रही है। जिले में हर वर्ष बागवान अपनी आर्थिकी को मजबूत कर रहे हैं। इस वर्ष भी जिले में सेब से बागवानों को करीब आठ करोड़ की कमाई हुई है।
सेब से मिलते हैं ये फायदे
सेब में नेचुरल शुगर औऱफ्रुक्टोज पाए जाते हैं, इसलिए इसे सुबह खाली पेट खाना ज्यादा फायदेमंद होता है। आप इसे खाने से दिनभर एक्टिव रहेंगे। साथ ही, इसमें फाइबर पाया जाता है। सेब खाने से लंबे समय तक भूख नहीं लगती है, जिससे वजन कम होने में मदद मिलती है।
सेब में मौजूद फाइबर भी पाचन को दुरुस्त रखता है, इसलिए सुबह सेब खाने से कब्ज जैसी समस्या से बच सकते हैं। इसके अलावा इसमें विटामिन-सी, पोटैशियम भी होता है, जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
बड़े सेब में 1.8 ग्राम फाइबर होता है, जो पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड द्वारा अनुशंसित मात्रा का 6% प्रदान करेगा। सेब के छिलके में बहुत सारा फाइबर (और अन्य पोषक तत्व) पाया जाता है। इसलिए संभावित स्वास्थ्य लाभों को अधिकतम करने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि आप छिलके सहित पूरा सेब खाएं।
सेब स्वास्थ्य के लिए सबसे फायदेमंद फलों में से एक माना जाता है। यह आपको कई बीमारियों से बचाता है। सेब के कई अद्भूत फायदे हैं, जैसे- हृदय को ठीक रखता है, पाचन सही करता है, दांतो के लिए अच्छा होता है, वजन कम करने में सहायक है, डायबिटीज में फायदेमंद होता है, हड्डियों के लिए अच्छा है।
पिछले पांच वर्षों में उत्पादन
वर्ष 2019-20 में 28,43,000 पेटी
वर्ष 2020-21 में 36,66,000 पेटी
वर्ष 2021-22 में 24,37,900 पेटी
वर्ष 2022-23 में 41,66,000 पेटी
वर्ष 2023-24 में 29,14,900 पेटी
किन्नौर उद्यान विभाग उप निदेशक बीएस नेगी ने कहा कि किन्नौर से सेब की करीब 45 लाख पेटियां मंडियों के लिए भेजी जा चुकी हैं।