गन्ना समिति की सदस्यता को स्वीकार करने के बावजूद इलाके के लगभग 38 किसानों ने मिलों को गन्ना ही नही भेजा है। अब पेराई सीजन कतम होने के बाद यह आंकड़े सामने आये है, और इस आंकड़ों ने गन्ना विभाग को भी चौका दिया है।
इस समिति क्षेत्र के 1.13 लाख के विपरीत केवल 75 हजार किसानों ही ने चीनी मिलों को गन्ना आपूर्ति की है। 38 हजार किसानों ने गन्ने की आपूर्ति नहीं की। गन्ना विभाग ने इस मामले की जांच करने का फैसला किया है।
गन्ना पेराई के लिए नही भेजनेवाले किसान बजाज हिंदुस्तान चीनी मिल बरखेड़ा, किसान सहकारी चीनी मिल बीसलपुर, द्वारिकेश चीनी मिल फरीदपुर, बजाज हिंदुस्तान चीनी मिल मकसूदापुर, डालमिया शुगर मिल निगोही और एलएच चीनी मिल पीलीभीत से जुड़े हैं। बीसलपुर नगर, बिलसंडा कस्बा, बरखेड़ा कस्बा, मधवापुर, ज्योरह कल्याणपुर, टिकरी, दियोरिया, मोहम्मदपुर, अमृता खास, कमपुर आदि, गांवों के कई किसानों ने गन्ना आपूर्ति नही की है।
समिति क्षेत्र में पिछले वर्ष माह अक्तूबर से गन्ना सत्र शुरू हुआ था। यह सत्र 30 अप्रैल तक जारी रहा। गन्ना सत्र समाप्त होने के बाद पूरे सत्र में गन्ना आपूर्ति करने वाले किसानों की सूची तैयार करना शुरू की गई, जो अब कहीं जाकर बन पाई। तैयार हुई सूची के अनुसार बीते सत्र में 38 हजार किसानों ने संबंधित मिलों को गन्ने की आपूर्ति नहीं की, जबकि अभिलेखों के अनुसार इन किसानों के खेतों में गन्ने की फसल खड़ी थी। यदि इन 38 हजार किसानों के खेतों में गन्ने की फसल न होती तो उन्हें समिति का सदस्य नहीं बनाया जाता है।