पराली जलाने वाले सभी किसानों के लिए अब बिहार सरकार सख्ती से काम लेगी, जो भी किसान पराली जलाता हुआ मिला तो तुरंत 3 साल के लिए ब्लैक लिस्ट हो जाएंगे | ये भी जान लें कि अभी तक जो भी किसान कृषि विभाग की योजनाओं के लिए आवेदन किया है या पोर्टल पर रजिस्टर्ड हैं, ये बात उन पर भी लागू हो रही है | कृषि विभाग ज्यादातर योजनाओं, सब्सिडी, मुआवजा और अनुदान सीधा बैंक खाते में ट्रांसफर करता है |
कृषि विभाग ने 20 जिलों के 6,066 किसानों पर सख्ती बरतते हुए अगले तीन साल के लिए ब्लैक लिस्ट कर दिया है | इसका परिणाम ये होगा कि अब पराली जलाने का अपराध करने वाले किसान 3 सालों तक सरकार की किसी भी योजना का लाभ नहीं ले पाएंगे | ऐसे किसान ना ही सब्सिडी और ना ही कोई मुआवजा, आर्थिक सहायता या अनुदान |
पराली जलाने वाले सभी किसानों के लिए अब बिहार सरकार सख्ती से काम लेगी, जो भी किसान पराली जलाता हुआ मिला तो तुरंत 3 साल के लिए ब्लैक लिस्ट हो जाएंगे | ये भी जान लें कि अभी तक जो भी किसान कृषि विभाग की योजनाओं के लिए आवेदन किया है या पोर्टल पर रजिस्टर्ड हैं, ये बात उन पर भी लागू हो रही है | कृषि विभाग ज्यादातर योजनाओं, सब्सिडी, मुआवजा और अनुदान सीधा बैंक खाते में ट्रांसफर करता है |
अब कृषि विभाग में रजिस्टर्ड किसान ऐसा करना पाया गया तो ये सभी कार्रवाइयां की जाएंगी | इस सख्त कदम के पीछे सरकार का सिर्फ यही मकसद है कि पराली जलाने की घटनाओं को कम किया जा सके | ये पर्यावरण के लिए तो हानिकारक है कि खुद किसानों की जमीन को भी पराली जलाने से कई नुकसान होते हैं |
पराली जलाने के बाद ब्लैक लिस्ट होने वाले बिहार राज्य के किसानों में सबसे ज्यादा हर्जाना रोहतास जिले के किसानों को भरना पड़ेगा | यहां पराली जलाने के मामले सबसे ज्यादा हैं | सरकार और जिला प्रशासन की सख्ती शुरू होते ही रोहतास जिले से करीब 2,273 किसानों को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया | वहीं, दूसरे नंबर पर कैमूर जिला है, जहां से 1,195 किसानों का रजिस्ट्रेशन 3 साल के रद्द कर दिया गया है |
कृषि विभाग ने बक्सर स 989 किसान, भोजपुर से 592 किसान, नालंदा से 431 किसान, गया से 174 किसान, पटना से 153 किसान, नवादा से 71 किसान, औरंगाबाद से 68 किसान औप जमुई से 50 किसानों को ब्लैक लिस्ट किया गया है | पराली जलाने का हर्जाना भुगतने वाले किसान और 10 जिलों में भी है, जिसमें सिवान, गोपालगंज, बांका और मधुबनी भी शामिल है |
पिछले महीने, खरीफ फसलों की एक वर्कशॉप में बिहार के कृषि मंत्री ने पराली प्रबंधन को लेकर कई जानकारियां साझा की थी | साथ ही पराली जलाने वाले किसानों पर सख्ती बरतने के भी निर्देश दिए गये थे | इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी सभी जिला मुख्यालयों से एलईडी वैन्स को रवाना किया था, जिसका उद्देश्य पराली प्रबंधन और पराली ना जलाने को लेकर जागरूकता फैलाना था |