tag manger - बिहार : भागलपुर, चंपारण, मगध का धान भेजा जाएगा विदेश – KhalihanNews
Breaking News

बिहार : भागलपुर, चंपारण, मगध का धान भेजा जाएगा विदेश

बिहार राज्य बीज निगम के अनुसार राज्य में मगध क्षेत्र के किसान कस्तूरी एवं बासमती चावल की खेती खूब कर रहे हैं| इस उन्नत किस्म के धान का उत्पादन प्रति हेक्टेयर 30 क्विंटल के आसपास होता है| और मगध क्षेत्र के किसान तकरीबन 10 हजार हेक्टेयर में इस उन्नत किस्म के धान की खेती कर रहे हैं| बाजार में इसकी कीमत 100 रुपए से 150 तक होती है|

पटना के बाजार में बासमती चावल की मांग तेजी से बढ़ गई है| कुछ किसानों का कहना है की उन्नत किस्म की धान बाजार में आसानी से बिक जाते हैं, जबकि सामान्य किस्म के धान को बेचने में परेशानी होती है| एक और किसान कहते हैं की पिछले दस वर्षों में कतरनी चावल का बाजार तकरीबन 30 फीसदी बढ़ा है|

कैमूर और रोहतास के किसान मुख्य रूप से सोनचूर धान की खेती कर रहे हैं| इस उन्नत किस्म के धान का उत्पादन प्रति हेक्टेयर 40 क्विंटल के आसपास होता है| इसकी खेती भी इस क्षेत्र में तकरीबन 20 हजार हेक्टेयर में की जा रही हैं|

चंपारण में मिरचइया वहीं चंपारण के किसान मिरचइया किस्म के धान की अच्छी पैदावार कर रहे हैं| फिलहाल इस धान का उत्पादन प्रति हेक्टेयर 40 क्विंटल के आसपास होता है| इसकी खेती भी अभी इस क्षेत्र में तकरीबन 2 हजार हेक्टेयर में की जा रही हैं|

भागलपुर में उत्पादित होने वाली कतरनी चावल की मांग विदेशों में भी बढ़ रही है| यहां से चावल अमेरिका और सऊदी अरब तक जा रहे हैं| अगले वर्ष तक 500 टन चावल के निर्यात का लक्ष्य रखा गया है| वहीं कैमूर जिले में उत्पादित होने वाली गोविंद भोग चावल की भी मांग बहुत बढ़ गई है|

राज्य का कुल खाद्यान्न उत्पादन 1.64 लाख टन बढ़ा है| अनाज उत्पादन में 1.71 लाख टन की बढोत्तरी हुई है| अनाज की खेती की उत्पादकता में प्रति हेक्टेयर 325 किलो की वृद्धि हुई है| बिहार में कुल खाद्यान्न उत्पादन 2018-19 में 16.31 लाख टन था जो 4.91 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़कर 2020 21 में 17.95 लाख टन हो गया| वहीं 5.27 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ते हुए कुल अनाज उत्पादन 2018-19 के 15.86 लाख टन के मुकाबले 2020-21 में 17.57 लाख टन हो गया है|

About admin

Check Also

बिहार में किसान इस योजना का लाभ लेने हेतु योजना का लाभ पहले आओ, पाओ के तर्ज पर दिया जायेगा। किसानों को इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए विभागीय पोर्टल यानी डीबीटी एग्रीकल्चर.बिहार.जीओवी.इन पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।

बिहार : बांका जिले में 443 वर्मी कंपोस्ट इकाई व दो बायोगैस इकाई का निर्माण

एक जानकारी के अनुसार बिहार के बांका जिले के किसान अब रासायनिक खाद की जगह …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *