एक जानकारी के अनुसार बिहार के बांका जिले के किसान अब रासायनिक खाद की जगह प्राकृतिक खाद से लाभकारी फ़सल पैदा करेंगे। सरकार ने जैविक खेती के लिए प्राकृतिक खाद बनाने के लिए सब्सिडी देने की घोषणा की है। इसी योजना के तहत बांका जिले में बांका जिले में 443 वर्मी कंपोस्ट इकाई व दो बायोगैस इकाई का निर्माण किया जायेगा। रासायनिक खाद की खपत कम करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे किसानों को पौष्टिक फसल की प्राप्ति होगी।
बिहार सरकार ने चौथे कृषि रोड मैप के तहत रासायनिक खाद पर खेती की निर्भरता कम करने की योजना बनायी है। रासायनिक खाद के विकल्प में जैविक उर्वरक को बढ़ावा दिया जायेगा. इसके लिए चतुर्थ कृषि रोड मैप के तहत जैविक खेती प्रोत्साहन कार्यक्रम लाया गया है।
इस योजना के तहत जिले में 443 पक्की वर्मी कंपोस्ट इकाई का निर्माण कराया जायेगा। जबकि दो बायोगैस इकाई भी स्थापित की जायेगी। यहां से तैयार उर्वरक किसान अपने खेतों में इस्तेमाल करेंगे। ताकि मिट्टी की उर्वरा शक्ति में वृद्धि हो. साथ ही फसल भी अधिक पौष्टिक व शुद्ध मिल सके। विभाग का मानना है कि जैविक उर्वरक का प्रयोग करने से पर्यावरण का संरक्षण होगा और फसलों के लागत मूल्य में भी कमी आयेगी।
बिहार कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार एक पक्की वर्मी कंपोस्ट इकाई के निर्माण में करीब 10 हजार रुपये की लागत आयेगी। सरकार इस पर किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान यानी 5 हजार रुपये भुगतान करेगी। इस योजना में वैसे किसान, जो खेती कर रहे हैं और साथ में पशुपालन भी करते हैं हैं, उन्हें अधिकतम तीन पक्की वर्मी कंपोस्ट इकाई का लाभ दिया जायेगा। यह इकाई 75 घन फीट क्षमता की होगी। इसका निर्माण स्थायी तौर पर किया जायेगा।
बिहार में किसान इस योजना का लाभ लेने हेतु योजना का लाभ पहले आओ, पाओ के तर्ज पर दिया जायेगा। किसानों को इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए विभागीय पोर्टल यानी डीबीटी एग्रीकल्चर.बिहार.जीओवी.इन पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।