भारत के प्रतिष्ठित उद्योगपतियों में से एक रत्न टाटा, भारत में कृषि और ग्रामीण विकास के प्रति अपनी गहरी प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं। उनके द्वारा भारतीय कृषि और किसानों के लिए किए गए योगदानों की विरासत हमेशा जीवित रहेगी। अपने जीवनकाल में, उन्होंने न केवल उद्योग में क्रांति लाई, बल्कि भारतीय किसानों और कृषि क्षेत्र के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। टाटा ट्रस्ट्स और अन्य संस्थानों के माध्यम से, उन्होंने किसानों की आय बढ़ाने, बेहतर संसाधन उपलब्ध कराने और कृषि के प्रति तकनीकी नवाचार को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
रतन टाटा ने हमेशा यह माना कि भारत की समृद्धि का सीधा संबंध उसके कृषि क्षेत्र से है। अपने जीवनकाल में, उन्होंने कई बार इस बात पर जोर दिया कि भारतीय किसानों को बेहतर वित्तीय सहायता, तकनीकी सहायता और बाजार की उचित पहुंच मिलनी चाहिए। उनका मानना था कि यदि किसानों को उन्नत कृषि तकनीकें और आधुनिक साधन उपलब्ध कराए जाएं, तो देश का ग्रामीण विकास तेजी से हो सकता है।
रतन टाटा के नेतृत्व में, टाटा ट्रस्ट्स ने भारत के कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। टाटा ट्रस्ट्स के माध्यम से उन्होंने कई परियोजनाएं शुरू कीं, जिनका उद्देश्य किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकें, जल प्रबंधन तकनीकें, और बेहतर उत्पादन विधियों से अवगत कराना था।
‘ग्रीन रिवॉल्यूशन पुनरुद्धार’ पहल के तहत, उन्होंने पंजाब और तमिलनाडु जैसे राज्यों में किसानों को उन्नत खेती के तरीकों की जानकारी दी। इस पहल ने किसानों को जल संरक्षण, मिट्टी की गुणवत्ता सुधार, और आधुनिक कृषि उपकरणों के उपयोग के माध्यम से उत्पादन क्षमता बढ़ाने में मदद की।
कृषि क्षेत्र में महिलाओं का योगदान महत्वपूर्ण है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए। टाटा ट्रस्ट्स के माध्यम से, ‘महिला स्व-सहायता समूहों’ (SHGs) को प्रशिक्षण और संसाधन प्रदान किए गए, जिससे महिलाएं न केवल कृषि कार्यों में, बल्कि छोटे उद्यमों में भी सक्रिय भागीदार बन सकीं।
‘सुझलाम सुफलाम पहल’ के तहत, उन्होंने महिलाओं को जल प्रबंधन और कृषि सहकारी समितियों में नेतृत्व की भूमिकाओं के लिए प्रशिक्षित किया, जिससे महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण हुआ और उनकी सामुदायिक भागीदारी मजबूत हुई।
रतन टाटा द्वारा किसानों और कृषि के लिए किए गए कार्य हमेशा याद किए जाएंगे। उन्होंने अपने जीवनकाल में यह सुनिश्चित किया कि कृषि केवल एक व्यवसाय न रहे, बल्कि एक समृद्ध और टिकाऊ भविष्य का माध्यम बने। उनके योगदान और दृष्टिकोण ने भारतीय किसानों को न केवल आर्थिक रूप से सशक्त बनाया, बल्कि उनके जीवन में एक सकारात्मक परिवर्तन भी लाया। उनकी विरासत भारतीय कृषि में नवाचार, सशक्तिकरण, और टिकाऊ विकास के रूप में जीवित रहेगी।