बबूने के फूलों में कई औषधीय गुण हैं। इसी वजह से इसे रामबाण दवा भी कहा जाता है। कम सिंचित होने वाली जगहों पर भी इसकी खेती आसानी से की जा सकती है। हिमाचल प्रदेश में इस फूल की खेती चुनवी, नौहराधार, चौरास, चाढ़ना, पनोग, घंडूरी, शमोगा, देनामानल और बोगधार …
Read More »पश्चिम बंगाल : मनरेगा का पैसा न भेजने पर केन्द्र सरकार पर भेदभाव का आरोप
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर केंद्र पर वार किया है। भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार मनरेगा कोष के वितरण को लेकर राज्य के साथ भेदभाव कर रही है। उन्होंने दावा किया कि योजना के लिए केंद्र पर पश्चिम बंगाल का 6,000 करोड़ रुपए बकाया …
Read More »छत्तीसगढ़ : पूरी तरह से फर्टिलाइजर मुक्त है बस्तर की कॉफी
बस्तर में कॉफी के उत्पादन से जहां किसान आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं| स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिल रहा है| छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्रों में काफी हद तक पलायन रुका है। कोलेंग और दरभा की पहाडिय़ों पर उगाई जा रही बस्तर कॉफी। 2017 में प्रायोगिक तौर पर …
Read More »जैविक खेती को बढ़ाने के लिए ही बनाया गया है नेशनल कोऑपरेटिव ऑर्गेनिक्स लिमिटेड
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्तर की जैविक सहकारी समिति को मंजूरी दी है| इसके तहत जैविक उत्पादों के प्रमाणीकरण, भारत और विदेश में मांग और खपत की क्षमता को बढ़ाना, ब्रांडिंग से लेकर बाकी सारे काम शामिल हैं, जिनसे किसानों की आय को बढ़ाया जा सके| अब इस नेशनल ऑर्गेनिक …
Read More »राजस्थान : मोटे अनाज के प्रसंस्करण के लिए विशेष योजना के तहत 50% का अनुदान
राजस्थान मिलेट्स प्रोत्साहन मिशन के तहत राजस्थान में 100 प्रसंस्करण इकाईयों को लागत का 50% अनुदान यानी अधकतम 40 लाख रुपये दिए जाएंगे| इनके अलावा, शेष बची प्रोसेसिंग यूनिट्स को कुल लागत पर 25% अनुदान यानी 50 लाख रुपये मिलने हैं| यदि आप भी मिलेट्स के प्रोडक्ट्स बनाते हैं या …
Read More »प. बंगाल : जलवायु परिवर्तन से बदल रहा है दार्जिलिंग की चाय का स्वाद
दार्जिलिंग की विश्वप्रसिद्ध चाय जलवायु परिवर्तन के कारण अपना जायका खोती जा रही है और लाखों लोगों की जीविका से जुड़े उद्योग का जोखिम भी बढ़ गया है। दार्जिलिंग की चाय का अनोखे स्वाद में हिमालयीन वातावरण, धूप, बारिश, धुंध और मिट्टी की अम्लता ही उसके स्वाद के सही संतुलन …
Read More »उत्तर प्रदेश : बकरों का वज़न बढाने के लिए कारगर साबित हुआ देसी नुस्खा
भारत ही नहीं खाड़ी देशों के भी भारतीय बकरियों की बड़ी मांग है| ब्रज क्षेत्र यानी आगरा, अलीगढ, हाथरस, फिरोज़ाबाद के अलावा इटावा,भरतपुर (राजस्थान) की बकरियों व बकरो की मांग ज्यादा है| मथुरा के फरह स्थित केंद्रीय बकरी शोध संस्थान (सीआईआरजी) के वैज्ञानिकों ने शोध में पाया था कि सहजन …
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