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राजस्थान में प्रियंका गांधी की बढ़ती चुनावी सक्रियता के कई अर्थ!

कांग्रेस हाई कमान की तरफ से राजस्थान विधानसभा चुनावों की कमान इस बार प्रियंका गांधी संभालती नजर आ रही हैं। यही वजह है कि बीते एक महीने में प्रियंका गांधी यहां दो बड़ी सभाएं कर चुकी हैं और अब 25 अक्टूबर को झुंझुनू में फिर से जनसभा करने जा रही हैं। करीब 4 दिन पहले दौसा पहुंची थीं जहां वह आयोजित जनजागरण अभियान में शामिल हुई थीं।

एक महीने पहले प्रियंका ने निवाई में जनसभा की थी। हालांकि विधानसभा चुनावों में प्रचार के लिए अभी स्टार प्रचारकों की सूची जारी होनी है लेकिन प्रियंका गांधी ने यहां ताबड़तोड़ दौर शुरू कर दिए हैं। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि हिमाचल की तरह राजस्थान में विधानसभा चुनावों की बागडोर प्रियंका गांधी के हाथ ज्यादा रहेगी।

एक महीने पहले प्रियंका ने निवाई में जनसभा की थी। हालांकि विधानसभा चुनावों में प्रचार के लिए अभी स्टार प्रचारकों की सूची जारी होनी है लेकिन प्रियंका गांधी ने यहां ताबड़तोड़ दौर शुरू कर दिए हैं। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि हिमाचल की तरह राजस्थान में विधानसभा चुनावों की बागडोर प्रियंका गांधी के हाथ ज्यादा रहेगी। दरअसल राजस्थान में प्रियंका गांधी के सबसे ज्यादा सक्रीय होने के कई मायने हैं।

राजस्थान में प्रदेश में पायलट गुट की बगावत के बाद जो सियासी घमासान मचा था उसे भी काफी हद तक प्रियंका गांधी ने ही कंट्रोल किया था। गहलोत सरकार से बगावत करने के बाद पायलट की कांग्रेस में वापसी प्रियंका गांधी ने ही करवाई। इसके बाद भी जब-जब राजस्थान में गहलोत ओर पायलट के बीच विवाद बढ़ा प्रियंका की उसमें एंट्री हुई। इसके बाद भी गहलोत और पायलट के बीच कडवाहट लगातार बनी रही।

कई मौके आए जब पायलट ने गहलोत सरकार के खिलाफ खुलकर बयान दिए। इसी साल पायलट ने गहलोत सरकार को अल्टिमेटम तक दे दिया था। इसके बाद भी प्रियंका ने मामले को ठंडा किया। यही वजह है कि राजस्थान में प्रियंका की ज्यादातर सभाओं की जिम्मेदारी पायलट संभाल रहे हैं। निवाई में तो पायलट ने यहां तक कहा था कि जहां-जहां प्रियंका गांधी सभाएं करती हैं वहां कांग्रेस को बड़ा फायदा मिलता है।

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