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थाई एप्पल बेर, 6 महीने के अंदर मिलेगी 100 किलो पैदावार

थाईलैंड से चलकर भारत आया थाई एप्पल बेर यहां के बाजार में छाया हुआ है। अधिक मुनाफे वाली इस फसल की ओर किसान भी खूब आकर्षित हो रहे हैं। ऐसे में इसे लगाने का सही तरीका क्या है? किसानों को किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, आइये देखते हैं।

अधिक मुनाफे वाली चमकदार थाई एप्पल बेर सामान्य बेर की अपेक्षा ज्यादा बड़ा होता है। इसका एक फल 40 ग्राम से 120 ग्राम तक का होता है।

इस बेर की प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है, लेकिन महंगा होने के कारण इसकी बिक्री कम होती है। इसका फल सेब की तरह होता है।

बिक्री भले ही कम होती है, लेकिन कम लागत और ज्यादा उत्पादन, मुनाफा होने की वजह से किसान इसकी खेती के प्रति आकर्षित हो रहे हैं।

थाई एप्पल बेर के एक ही फल का वजन करीब 4- ग्राम से लेकर तक होता है| यह थाईलैंड का फल है, जिसकी बागवानी करना बेहद आसान है| बता दें कि थाई एप्पल बेर में गजब की रोग प्रतिरोधी क्षमता होती है, जिसके चलते फलों में कीट और रोगों का खतरा कम ही होती है|

थाई एप्पल बेर के खेत की तैयारी मई महीने में ही शुरू कर देनी चाहिए। 5 मीटर की दूरी पर वर्गाकार विधि द्वारा 2 फीट चौड़ा 2 फीट लम्बा, 2 फीट गहरा गड्ढ़ा खोद लें। इसके 25 दिन बाद 20-25 किलों अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद, आधा किलों नीम की पत्तियां और जमीन की उपरी मिट्टी को डालकर गड्ढ़े को भर देना चाहिए।

पहली बारिश के साथ ही पहले से ही कलिकायन विधि (Budding method) से तैयार पौध को गड्ढों में रोपण करें।

रोपण करने के लिए पॉलिथीन की थैली को एक तरफ से ब्लेड से काटकर पौधे को पॉलिथीन से अलग करें। पौधों को मिट्टी के साथ गड्ढ़ों के बीच में लगाकर चारों तरफ की मिटटी दबाकर अच्छी सिंचाई करें।

थाई एप्पल पौधे की ऊंचाई लगभग 7 से 15 फीट तक होती है। बगीचे में हाइब्रिड थाई एप्पल बेर के पौधे लगाते समय पौधे से पौधे की दूरी लगभग 15 फीट रखी जानी चाहिए।

इस प्रकार एक बीघा में 80 पौधे लग जाते हैं। मिश्रित खेती के रूप में बेर के पौधों की कतारों के बीच में बैंगन, मिर्च, मटर, मूंग एवं मोठ आदि फसलों को उगा सकते हैं। थाई एप्पल पौधे के पौधरोपण का समय जुलाई से मार्च तक रहता है।

बेर में देशी खाद, सुपर खाद, सुपर फास्फेट व म्यूरेट ऑफ पोटाश की पुरी की मात्रा व नत्रजन उर्वरकों की आधी मात्रा जुलाई के महीने में भूमि में अच्छी तरह मिलाकर सिंचाई कर देनी चाहिए। बाकी बची नाइट्रोज की आधी मात्रा नवंबर माह में फल लगने के बाद देनी चाहिए।

ये सब करने के बाद अब सवाल यह है कि पौधों से उपज कब आएगी और बाजार में इसकी कीमत क्या होगी। थाई एप्पल बेर की हाइब्रिड प्रजाति के पौधे जल्दी वृद्धि करके 6 महीने में ही फल देने लग जाते हैं।

इसका पौधा एक वर्ष का होने पर लगभग 20 से 25 किलों फल उत्पादन देता है और इसके बाद हर वर्ष 50 से 100 किलो तक फल देने लगता है।

बाजार में इसकी कीमत 50 रुपए प्रति किलो तक होती है। यह पौधा लम्बी आयु का होता है जो लगभग 50 वर्ष तक जीवित रहता है।

इस फल पौधे में फूल वर्ष में दो बार मार्च एवं अक्टूबर के महीने में लगते हैं। इसके पौधे में कांटे भी भी नहीं होते।

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