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उत्तर प्रदेश में गेहूं खरीद में तेजी लाने के लिए बढ़ाई गई क्रय केंद्रों की संख्या

पिछले कुछ वर्षों में, विभिन्न कारणों से यूपी में गेहूं की खरीद धीमी रही है, जिसमें रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद अंतरराष्ट्रीय गेहूं की कीमतों में वृद्धि के बाद खुले बाजार की ऊंची कीमतें भी शामिल हैं। विपणन वर्ष 2023-24 के दौरान यूपी, राजस्थान और बिहार ने सामूहिक रूप से केंद्रीय पूल में केवल 670,000 टन गेहूं का योगदान दिया। इसके चलते केंद्र को यूपी, राजस्थान और बिहार जैसे ‘गैर-पारंपरिक’ राज्यों से गेहूं की खरीद बढ़ाने की योजना की घोषणा करनी पड़ी, जबकि केंद्रीय खाद्य मंत्रालय देश भर से 31 मिलियन टन गेहूं की समेकित खरीद का लक्ष्य बना रहा है। तीन राज्यों से इस बार 7 गुना अधिक गेहूं खरीद करने की तैयारी है। खाद्य मंत्रालय ने पिछले रबी मार्केटिंग सीजन में की गई खरीद टारगेट को पीछे छोड़ने के लिए इस बार बिहार, यूपी और राजस्थान समेत कुछ अन्य राज्यों में खरीद प्रक्रिया तेज कर दी ह। इस बार एफसीआई के साथ ही सहकारी समितियों को भी गेहूं खरीद की अनुमति दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार ने बिहार, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से गेहूं की खरीद में तेजी से वृद्धि करने की योजना बनाई है।  उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने गेहूं खरीद प्रगति की समीक्षा के साथ ही उन्होंने अधिकारियों को राज्य के खाद्य और नागरिक आपूर्ति पोर्टल पर किसानों का पंजीकरण बढ़ाने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों से गांवों का दौरा करने और किसानों के साथ व्यक्तिगत संपर्क स्थापित कर उन्हें खरीद के लिए प्रोत्साहित करने को कहा है । इसके लिए खाद्य विभाग के कॉल सेंटर सक्रिय कर दिए गए हैं। लगभग 285,000 किसान पहले ही पोर्टल पर पंजीकरण करा चुके हैं। खरीद को बढ़ावा देने के लिए 10 टन तक अनाज बेचने वाले किसानों को सत्यापन से छूट दी गई है।  मिली जानकारी अनुसार गेहूं खरीद केंद्र बढ़ाकर यह कदम 2024-25 के रबी विपणन सीजन में 6 मिलियन टन यानी 60 लाख टन गेहूं खरीद के लक्ष्य को पूरा करने के लिए उठाया गया है। चूंकि गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2,275 रुपये प्रति क्विंटल है। इसलिए लक्षित खरीद के मुकाबले राज्य के किसानों को 13,650 करोड़ रुपये का भुगतान होगा।  खाद्य व रसद विभाग के मुताबिक रविवार व अन्य अवकाशों को छोड़कर 15 जून तक क्रय केंद्रों पर प्रतिदिन गेहूं खरीद सुबह 9 से शाम 6 बजे तक चलेगी। योगी सरकार ने जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देश दिया है कि किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।

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