राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 23 फरवरी को बजट पेश करेंगे। राज्य में पहली बार आम बजट के साथ इस बार कृषि बजट अलग से पेश किया जाएगा।
एनपीए लोन और जमीनों की नीलामी के मामलों के मद्देनजर किसान और कृषि उपज व्यापारियों की निगाहें भी राज्य बजट पर हैं। ऐसे में कृषि से जुड़े प्रदेश के 80 लाख किसानों को उम्मीद है कि इस बजट में एमएसपी पर खरीद ओर कर्ज मुक्त किसान की परिकल्पना इस बजट में दिखाई देगी। सीएम अशोक गहलोत संकेत ने दिए है कि किसानों के लिए सरकारी खजाना खोल देंगे। जो मांगा जाएगा वह मिलेगा।
राजस्थान में पहली बार पेश हो रहे कृषि बजट से राज्य के 80 लाख से अधिक किसानों को फायदा मिलने की उम्मीद है। सरसों, दलहन और मोटा अनाज का सबसे बड़ा उत्पादक होने के साथ राजस्थान में 247 कृषि उपज मंडियों और करीब 2,000 तेल-दाल मिलों से पांच लाख से अधिक लोगों को सीधा रोजगार मिला हुआ है। प्रोत्साहन के अभाव से 1,800 तेल मिलों में से 1,200 बंद हो चुकी हैं। प्रोत्साहन के अभाव में दलहन बाहर जाने से प्रदेश की दाल मिलें पूरी क्षमता से नहीं चल रही है। ऐसे में प्रदेश में कृषि उपज कारोबार बढ़ाने और किसानों को अधिक पैदावार के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बजट में प्रोत्साहनों की जरूरत है।
कृषि-बागवानी एवं पशुपालन को राजस्थान की अर्थव्यवस्था की धुरी करार देते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि इस क्षेत्र के महत्व को समझते हुए सरकार ने पहली बार अलग से कृषि बजट लाने जैसा ऎतिहासिक निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि इस कृषि बजट के माध्यम से प्रदेश के काश्तकारों तथा पशुपालकों की समृद्धि एवं खुशहाली के लिए आवश्यक प्रावधान किए जाएंगे।