बुंदेलखंड की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए यहां दलहन एवं तिलहन के उत्पादन पर जोर दिया जाएगा। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने इसके लिए अफसरों को निर्देश दिए हैं। इससे न सिर्फ खाद्य तेलों की कमी दूर करने में मदद मिलेगी बल्कि किसानों की आय भी बढ़ाई जा सकेगी।
उत्तर प्रदेश- सरकार ने दलहन के मामले में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बीज निगम और कृषि विवि के माध्यम से 28751 कुंतल से बढ़ाकर 82000 कुंतल प्रमाणित एवं आधारीय नवीन प्रजातियों के बीज की व्यवस्था करने का फैसला किया है| दलहनी फसलों के क्षेत्रफल को बढ़ाने के लिए अन्तःफसली और जायद दलहनी फसलों की खेती को प्रोत्साहन दिया जाएगा| पांच साल की इस योजना मे दलहन-तिलहन के रकबे के साथ उत्पादन बढाना भी है|
असमतल भूमि पर सूक्ष्म सिंचाई के साधनों का विकास कर तिलहनी फसलों के क्षेत्रफल और उत्पादन में वृद्धि की जाएगी| इसके साथ ही लघु और सीमांत किसानों को मिनीकिट देकर तिलहल के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया जाएगा| योगी-सरकार का लक्ष्य है कि अगले पांच साल में तिलहन फसलों का क्षेत्रफल 24.77 लाख हेक्टेयर, उत्पादकता 12.85 कुंतल प्रति हेक्टेयर और उत्पादन 31.30 लाख मीट्रिक टन हो|
उत्पादन को बढ़ाने के लिए असमतल भूमि पर स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली और फरो एंड रिज मेथड को बढ़ावा दिया जाएगा| सरकार का लक्ष्य है कि अगले पांच साल में दलहन का क्षेत्रफल 28.84 लाख हेक्टेयर, उत्पादकता 12.41 कुंतल प्रति हेक्टेयर और उत्पादन 35.79 लाख मीट्रिक टन हो|