सूबे में सोनीपत के गांव कुमासपुर के पास नंदीशाला में हरे चारे का संकट होने के कारण गोवंश पराली खाकर अपना पेट भरने के लिए मजबूर हैं। नगर निगम और ठेकेदार की ओर से गोवंशों को हरा चारा उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। पेट नहीं भर पाता। ऐसे में सर्दी में गोवंश बीमार हो रहे हैं। पशु चिकित्सक नंदीशाला में पहुंच उपचार दे रहे हैं, लेकिन बीमार गोवंशों की लगातार मौत हो रही है। 35 दिन में 153 बीमार गाेवंशों की मौत हो चुकी है।
गांव कुमासपुर के पास नगर निगम की ओर से संचालित नंदीशाला में 1500 गोवंशों को रखने की क्षमता है। 15 दिसंबर से पहले यहां पर 1480 गोवंश थे। नगर निगम के मुताबिक एक से 15 दिसंबर तक कुमासपुर नंदीशाला में 225 गोवंश बाहर से लाकर रखे थे। उसी दौरान हरसाना कलां स्थित नंदीशाला में 53 गोवंश छोड़े गए थे।
सर्दी में हरे चारे का संकट होने की वजह से अब नंदीशाला में किसी भी गोवंश को लाकर नहीं छोड़ा जा रहा। निगम अधिकारी ने बताया कि कुमासपुर नंदीशाला में शनिवार को 1327 गोवंश मिले। एक माह के अंतराल में 153 गोवंशाें की मौत हो गई। इनमें से एक दिन पहले शुक्रवार को पांच गोवंशों की मौत हो गई थी। नंदीशाला में तीन गोवंश बीमार हैं।
गांव कुमासपुर के पास नगर निगम की ओर से संचालित नंदीशाला में 1500 गोवंशों को रखने की क्षमता है। 15 दिसंबर से पहले यहां पर 1480 गोवंश थे। नगर निगम के मुताबिक एक से 15 दिसंबर तक कुमासपुर नंदीशाला में 225 गोवंश बाहर से लाकर रखे थे। उसी दौरान हरसाना कलां स्थित नंदीशाला में 53 गोवंश छोड़े गए थे।
सर्दी में हरे चारे का संकट होने की वजह से अब नंदीशाला में किसी भी गोवंश को लाकर नहीं छोड़ा जा रहा। निगम अधिकारी ने बताया कि कुमासपुर नंदीशाला में शनिवार को 1327 गोवंश मिले। एक माह के अंतराल में 153 गोवंशाें की मौत हो गई। इनमें से एक दिन पहले शुक्रवार को पांच गोवंशों की मौत हो गई थी। नंदीशाला में तीन गोवंश बीमार हैं।
नंदीशाला में सर्दी में हरे चारे का संकट है। हरा चारा कम पहुंच रहा है। टेंडर में गोवंशों को 15 मार्च तक पराली डालने का प्रावधान है। उस पराली में चौकर मिलाया जाता है। 35 दिन में 153 बीमार गोवंशों की मौत हुई है। –