खेती के पावर कॉर्पोरेशन से 14 घंटे बिजली की मांग तेज हो गई है। इसके लिए विभाग पर 120 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च आएगा। एक दिन में 4 करोड़ रुपए खर्च कर 4 घंटे की अतिरिक्त सप्लाई किसानों को ट्यूबवेल के लिए मिल सकेगी। यह प्रस्ताव उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन को भेजा गया है। दरअसल, सूबे में अब तक 20 जिले सूखाग्रस्त हो गए हैं। यहां 40 फीसदी से भी कम वर्षा हुई है।
उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का दावा है कि सरकार चाहे तो सुबह 5 बजे से शाम 7 बजे तक 14 घंटे की सप्लाई कर सकती है। इसके लिए प्रतिदिन 4 करोड़ रुपए की अतिरिक्त बिजली खरीदनी पड़ेगी|
आंकड़ों के अनुसार यूपी में अतिरिक्त बिजली के लिए 10 मिलियन यूनिट बिजली की जरूरत है। अगर सरकार यह पैसा नहीं देती है तो उपभोक्ताओं को पहले से ही करीब 25 हजार करोड़ रुपए पड़े है, उससे इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। मौजूदा समय खेती के लिए इस्तेमाल होने वाली बिजली का भार 2500 मेगावाट है।
जिन बीस जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया जा रहा है उनमें लखनऊ‚ संतकबीरनगर‚ बस्ती‚ सोनभद्र‚ गोंडा‚ शामली‚ मुरादाबाद‚ बागपत‚ अमरोहा‚ गौतमबुद्धनगर‚ सिद्धार्थनगर‚ श्रावस्ती‚ देवरिया‚ मिर्जापुर‚ बलिया‚ महराजगंज‚ कुशीनगर‚ चंदौली‚ मऊ, गाजीपुर है। इन जिलों में सूखा मॉनिटरिंग कमेटी की आंकलन रिपोर्ट को भी सीएम योगी के सामने प्रस्तुत कर दिया गया है।
राहत आयुक्त रणवीर सिंह ने अपने पत्र में लिखा है कि मानसून अवधि 2022-23 के दौरान पांच सितंबर 2022 तक यूपी में कुल 346 मिमी वर्षा हुई है। राज्य के 11 जिलों में सामान्य वर्षा‚ 13 जिलों में कम बारिश‚ 34 जिलों में अत्यन्त कम बारिश तथा 16 जिलों में 40 फीसदी से भी कम बारिश हुई है।
केंद्र सरकार को भेजे गये पत्र में फसल की कुल बोई गयी 25,13,993 हेक्टेयर फसल में 9,00,436 हेक्टेयर फसल को नुकसान होने की बात कही गयी है। जिसकी लागत करीब 1000 करोड़ के आसपास है।