सूबे की फसलों, फल-फूल के उत्पादों को दुनिया के बाजार में स्तरीय व वैश्विक मानक के अनुरूप बनाने के लिए हर संभव प्रयास जारी हैं।
सूबे की फसलों व फलों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए गुणवत्ता पूर्ण रोपण सामग्री, बागवानी फसलों के गुणवत्ता पूर्ण रोपण एवं रोग मुक्त बनाने के लिए आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज (अयोध्या) में टिशू कल्चर प्रयोगशाला की स्थापना की जाए। यह प्रयोगशाला कम से कम 03 हेक्टेयर के विशाल परिसर में स्थापित हो। इसके लिए धनराशि की व्यवस्था मंडी परिषद द्वारा की जाएगी।
गुणवत्ता पूर्ण रोपण सामग्री, बागवानी फसलों के गुणवत्ता पूर्ण रोपण एवं रोग मुक्त बनाने के लिए आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज (अयोध्या) में टिशू कल्चर प्रयोगशाला की स्थापना की जाएगी। यह प्रयोगशाला कम से कम तीन हेक्टेयर के विशाल परिसर में स्थापित किया जाएगा। इसके लिए धनराशि की व्यवस्था मंडी परिषद द्वारा की जाएगी।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में 19 जून को राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के संचालक मंडल की बैठक हुई। बैठक में सीएम योगी द्वारा किसानों का हित संरक्षण सुनिश्चित करते हुए विभिन्न दिशा-निर्देश दिए गए।
बैठक में कहा गया कि किसानों के जैविक/प्राकृतिक उत्पादों के सत्यापन, ब्रांडिंग के लिए जांच प्रयोगशालाएं आवश्यक है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, द्वारा लखनऊ, मेरठ, बनारस एवं झांसी में प्रयोगशालाएं संचालित हैं, लेकिन प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों में कोई लैब संचालित नहीं है। ऐसे में मंडी परिषद द्वारा प्रदेश के सभी कृषि विश्वविद्यालयों में जांच प्रयोगशालाएं स्थापित करना तय किया गया। सूबे में प्रदेश के चार कॄषि विश्वविद्यालय हैं
कृषि और खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अनेक नीतिगत प्रयास किए जा रहे हैं। प्राकृतिक खेती को प्रोत्सहित करने के लिए भी योजनाबद्ध रीति से कार्य किया जा रहा है। किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले, उत्पाद की ब्रांडिंग हो, सही बाजार मिले, इसके लिए राजधानी लखनऊ में ‘एग्री मॉल’ स्थापित किया जा रहा है। एग्री मॉल में किसान सीधे अपने फल, सब्जियों की बिक्री कर सकेंगे।
इस बैठक में किसानों को दी जा रही सुविधाओं और योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने बड़ी संख्या में ग्रामीण हाट पैठ और आधुनिक किसान मंडियों का निर्माण कराया है। क्षेत्रीय जरूरतों के अनुसार नए हाट पैठ और किसान मंडियों का निर्माण कराया जाना चाहिए। इनका रख-रखाव अच्छा रखें। पटरी व्यवसायियों को यहां समायोजित किया जाना चाहिए।
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