कृषि विभाग सूखे की स्थिति को मानते हुए तैयारी में लग गया है| विभाग ने सभी जिलों को पत्र लिखकर लंबी अवधिवाली धान की वेराइटी बांटने और बेचने पर रोक लगा दी है| राज्य में 15 जुलाई के बाद रोपा शुरू हो जाता है| रोपाई समाप्त करने का सही समय अगस्त माह के पहले सप्ताह तक कहा जाता है| बारिश नहीं होने से कहीं-कहीं तो खेतों में दरार पड़ने लगी है|
झारखंड में सूखे के आसार दिखने शुरू हो गये हैं| पिछले 10 साल में अब तक सबसे कम बारिश हुई है. विभाग भी इसे लेकर चिंतित है| इसलिए उन्होंने इसकी तैयारी शुरू कर दी| हालत ये हो गयी है कि इस साल धान के बिचड़े पर भी संकट मंडराने लगा है| कई जिलों तो अब तक रोपाई शुरू नहीं हो सकी है| इनमें से संताल परगना, उत्तरी छोटानागपुर और पलामू प्रमंडल एक है| राज्य के 16 जिलों की स्थिति तो बेहद चिंताजनक है| रोपाई के कार्य प्रभावित होने से किसानों के चेहरे पर भी चिंता की लकीरें दिखने लगी है|
मौसम की वर्तमान स्थिति को देखते हुए प्रमंडल में पड़नेवाले पलामू, गढ़वा और लातेहार के उपायुक्तों को पत्र लिखकर वैकल्पिक फसलों की तैयारी करने का निर्देश दिया है| कहा है कि हर मंगलवार को जिलास्तरीय टॉस्क फोर्स की बैठक करें| इसमें कृषि के साथ-साथ सिंचाई विभाग के अधिकारियों को भी बुलायें| तत्काल वैकल्पिक खेती की तैयारी शुरू करें|