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तेलंगाना : धान खरीद के साथ, दूसरे राज्यों से धान लाने पर सख्त पाबंदी

आखिरकार दो सप्ताह की देरी से धान की खरीद शुरू हो गई है| राज्य कैबिनेट की बैठक में न्यूनतम समर्थन मूल्य रबी सीजन में धान की खरीद को लेकर फैसला किया गया था| इसके बाद गुरुवार से राज्य नागरिक आपूर्ति निगम अन्य प्रतिभागी एजेंसियों की मदद से तेलंगाना के कई स्थानों पर धान की खरीद शुरू हो गई| गौरतलब है कि सूर्यापेट, नलगोंडा, निजामाबाद, कामारेड्डी और जगितियाल जैसे जिलों में धान की कटाई पहले ही बड़े पैमाने पर शुरू हो चुकी है| इन जिलों में धान की रोपाई जल्दी की जाती है|

संभावना जतायी जा रही है कि इस महीने के आखिरी सप्ताह तक और भी धान बाजार में पहुंचेंगे इसके साथ ही जो अन्य जिलें हैं वहां से भी धान बाजारों में आएगी|

कृषि विभाग के अनुमान के अनुसार, इस सीजन में लगभग 80 लाख टन अनाज बाजारों में पहुंचने की संभावना है, जबकि अन्य 10 लाख टन बीज के लिए और उत्पादकों (किसानों) द्वारा खपत के लिए निर्धारित किया गया है. उम्मीद की जा रही है कि महिलाओं और अन्य एजेंसियों द्वारा संचालित धान खरीद केंद्रों में लगभग 65 लाख टन धान बिक्री के लिए लाया जाएगा|

पिछले खरीफ सीजन में उत्पादित धान के आंकड़े
द हिंदू अख़बार के मुताबिक नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों के अनुसार, पिछले खरीफ सीजन के दौरान उत्पादित धान की खरीद के लिए लगभग 6,950 खरीद केंद्र खोले गए थे, जब लगभग 62 लाख एकड़ में फसल की खेती की गई थी और खरीद प्रक्रिया लगभग चार महीने तक चली थी| पिछले रबी सीजन में 52.5 लाख एकड़ से अधिक की रिकॉर्ड मात्रा में धान की खेती के साथ लगभग 6,970 खरीद केंद्र खोले गए थे| इस रबी सीजन में, खरीद केंद्रों की आवश्यकता का अनुमान उसी तरह से लगाया गया है जैसे वे पिछले दो फसल मौसमों – 2020-21 रबी और 2021-22 खरीफ के दौरान था

इस बार धान की खरीद में अनिश्चितता के कारण धान की खरीद शुरू होने में देरी हुई थी| क्योंकि राज्य सरकार चाहती थी कि किसानों द्वारा उत्पादित पूरे धान की खरीद केंद्र सरकार द्वारा की जाए. जबकि केंद्र सरकार ने कहा कि उसके पास पर्याप्त स्टॉक है इसलिए वो इस सीजन में किसानों से धान नहीं खरीद सकती है| मीडिया रिपोर्टेस के मुताबित टीआरएस नेताओं का आरोप लगाया था कि बीजेपी नेताओं ने ही किसानों को केंद्र द्वारा धान खरीद का वायदा करते हुए धान की रोपाई करने के लिए कहा था|

दावे के मुताबिक केंद्र ने 65 लाख टन धान की खरीदा का वायदा किया था| जिसमें सिर्फ 45 लाख टन धान की खरीद की गयी है| राज्य सरकार चाहती है कि केंद्र पूरा स्टॉक 75 लाख टन की खरीदारी करें| इसे लेकर तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर दिल्ली पहुंचे थे और धरना दिया था| बयानबाजी का दौर भी खूब चल था| अब धान की खरीद शुरू होने के बाद नागरिक आपूर्ति मंत्री जी कमलाकर ने कहा कि सरकार जून से पहले तक खरीद की पूरी करने के लिए प्रतिबद्ध है|

दूसरे राज्यों के उत्पादित धान नहीं पहुंचेंगे तेलंगाना
खरीद केंद्रों पर अंतिम रूप दी गई योजनाओं का उदाहरण देते हुए, अधिकारियों ने कहा कि खम्मम और भद्राद्री-कोठागुडेम जिलों में लगभग 236 केंद्र और हनमाकोंडा जिले में 155 अन्य खोले जाएंगे| तीनों जिलों में करीब तीन लाख टन धान की खरीद होने की उम्मीद है|

इस बीच, नागरिक आपूर्ति विभाग ने उन राज्यों में उत्पादित धान को तेलंगाना में खरीद केंद्रों तक पहुंचने से रोकने के लिए आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और कर्नाटक के साथ राज्य की सीमाओं में कम से कम 51 चेक-पोस्ट खोलने का निर्णय लिया है|

राज्य सरकार द्वारा अपने दम पर खरीद की जा रही है, इसलिए निगरानी और सख्त होगी| उन चेक-पोस्ट मार्गों के माध्यम से तेलंगाना में प्रवेश करने वाले सभी परिवहन वाहनों को अंदर जाने से पहले निरीक्षण किया जाएगा|

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सप्ताह में शुरू होगी और अगले जनवरी के अंत तक जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि नलगोंडा और मेडक जिलों में धान की आवक अक्टूबर के पहले सप्ताह में शुरू होगी, जबकि निजामाबाद, कामारेड्डी, राजन्ना-सिरसिल्ला, यादाद्री-भुवनगिरी, महबूबनगर, नागरकुरनूल और नारायणपेट जिलों में दूसरे सप्ताह से आवक शुरू होगी।

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