किसान संगठनों ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ की बर्खास्तगी की मांग को लेकर लखीमपुर खीरी में 75 घंटे का धरना शुरू कर दिया है. संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में हो रहे इस आंदोलन में राकेश टिकैत व मेधा पाटकर सहित कई प्रमुख किसान नेता मौजूद हैं| धरने में शामिल किसान केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ को बर्खास्त किए जाने की मांग इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि उनका बेटा आशीष मिश्रा लखीमपुर खीरी में पिछले साल किसानों को गाड़ी से कुचलकर मारे जाने के मामले में आरोपी है|
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता राकेश टिकैत ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मांग की है कि तिकुनियां कांड में चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या के मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए। संयुक्त किसान मोर्चा के धरने में पहुंचे भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार के समक्ष मांगें रखी।
लखीमपुर खीरी जिला के तिकुनियां में चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या करने की साजश रचने के मामले में उप गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टैनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए और गिरफ्तार करके जेल भेजा जाए।
लखीमपुर खीरी हत्याकांड में ‘निर्दोष होते हुए भी’ जेल में बंद किसानों को तुरन्त रिहा किया जाए और उनके ऊपर मढ़े केस तुरन्त वापस लिए जाएं।
सभी फसलों के ऊपर स्वामीनाथन कमीशन के द्वारा सी-2 +50%के फार्मूला से एमएसपी की गारंटी और सभी फसलों की बिकवाली एमएसपी के ऊपर होने की गारंटी करने वाला कानून केंद्र सरकार द्वारा बनाया जाए।
किसान आन्दोलन के दौरान केन्द्र शासित प्रदेशों व अन्य राज्यों में जो केस किसानों के ऊपर लाद दिए गए थे वो तुरंत वापस लिए जाएं।
बिजली बिल 2022 वापस लिया जाए।
भारत के सभी किसानों के सर पर चढ़े कर्ज को एक बार लकीर मार के एकमुश्त कर्ज मुक्त किया जाए।
उत्तर प्रदेश की खंड मिलों की तरफ जो किसानों की बकाया राशि है वो तुरंत जारी की जाए।
वर्षों से जंगल को आबाद कर देश के विभिन्न प्रांतों से लखीमपुर एवं अन्य जनपदों से आकर बसे किसानों को ज़मीन से बेदख़ल करने के नोटिस देने बंद किए जाएं।
राकेश टिकैत मंच पर पहुंचे और प्रशासन को चेतावनी दी कि तीन दिन के धरने को लेकर प्रशासन ने बाहर से आने वाले किसानों के लिए पानी और शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं की है। अगर एक घंटे के अंदर व्यवस्था दुरुस्त नही हुई तो किसान जिला मुख्यालय पर भी धरना देना जानते हैं। जब उनको इन्फॉर्म कर रखा है तो व्यवस्था क्यों नहीं। हमें प्रशासन की परमिशन की जरूरत नहीं। बस वो बता दें कि वो व्यवस्था करेंगे कि नहीं। वरना हम पानी और अन्य चीजें भी लेना जानते हैं।
एक्टिविस्ट और किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि तिकुनियां में जो हुआ वो जलियांवाला बाग कांड से कम नहीं था। उसके मुख्य सूत्रधार टेनी को बर्खास्त किया जाए। इतने मुकदमे हैं टेनी पर। भाजपा उनकी जांच क्यों नही करवा रही है। तीन दिन देश भर से हज़ारों हज़ार किसान इस महाकुंभ मे लखीमपुर पहुंच रहे हैं। एफआईआर में एक बार नहीं दो बार टेनी का नाम है। फिर भी उन्हें नामजद क्यों नही किया।
उन्होंने आगे कहा कि मृतक के पिता और शिकायतकर्ता ने यह कहा कि टेनी के इशारे पर सारी घटना हुई है। फिर भी उन्हें नामजद नहीं किया गया। 120 बी के तहत नामजद नही किया। तीन दिन तक धरना तो चलेगा। लेकिन हमारा आंदोलन कमजोर नहीं पड़ेगा। कहा कि हाईकोर्ट से मंत्री पुत्र की जमानत रद्द करवाई गई। हम कोर्ट से कहें कि वह पुलिस को कहे कि एफआईआर दर्ज हो इससे अच्छा है कि सरकार पुलिस को कहे की वह एफआईआर करे।
किसान केंद्र सरकार से कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान अपने खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। लगभग साल भर चले विरोध प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को मुआवजा भी किसानों की प्रमुख मांग है। वहीं फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी कानूनी भी किसान मांग रहे हैं। किसान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने की भी मांग कर रहे हैं।
भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने बुधवार को पंजाब से लखीमपुर रवाना होने से पहले कहा कि वे एसकेएम के आह्वान पर लखीमपुर खीरी जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम वहां 75 घंटे तक चलने वाले धरने में हिस्सा लेंगे।
एकता उगराहां के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने कहा कि महिलाओं समेत लगभग 2,000 किसान विरोध प्रदर्शन में भाग लेने उत्तर प्रदेश जा रहे हैं। उधर, बीकेयू (दोआबा) के अध्यक्ष मनजीत सिंह राय का कहना है कि पंजाब के 10,000 किसान विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे। कुछ ट्रेनों में जा रहे हैं और कुछ अपने वाहनों से जा रहे हैं।
बता दें कि मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में गिरफ्तार किया गया था। लखीमपुर खीरी में पिछले साल तीन अक्तूबर को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध करते वक्त चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी।