घरेलू स्तर पर पेट्रोल और डीजल के दाम पिछले कुछ महीनों की तरह लगातार स्थिर हैं| रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण पेट्रोलियम पदार्थों के दाम तेजी से बढ़ सकते हैं |
ऐसी संभावना जतायी जा रही है कि पांच राज्यों में चुनाव के बाद पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में बड़ी वृद्धि की जा सकती है| पेट्रोलियम उत्पादों के लिए भारत बड़े पैमाने पर आयात पर निर्भर है| इसलिए तेल की आपूर्ति बाधित होने की आशंका है|
प्राकृतिक गैस का उत्पादन
रूस यूरोप में प्राकृतिक गैस का करीब एक-तिहाई उत्पादन करता है और वैश्विक तेल उत्पादन में उसकी हिस्सेदारी करीब 10 प्रतिशत है| यूरोपीय देशों को जाने वाली गैस पाइपलाइन यूक्रेन से होकर ही गुजरती है. हालांकि, भारत के तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी बहुत कम है|
संभावना जतायी जा रही है कि उत्तर प्रदेश सहित पाच सूबो के विधानसभा चुनाव संपन्न होने के साथ ही पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में बड़ी वृद्धि की जा सकती है| पेट्रोलियम उत्पादों के लिए भारत बड़े पैमाने पर आयात पर निर्भर है| इसलिए तेल की आपूर्ति बाधित होने की आशंका है|
कच्चे तेल एवं गैस के प्रमुख उत्पादक देश रूस के यूक्रेन के साथ विवाद में उलझने से आपूर्ति बाधित होने की आशंका की वजह से अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड का भाव 99.38 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया| हालांकि, इस वायदा भाव पर कुछ मुनाफा वसूली होने से आखिर में यह 98 डॉलर प्रति बैरल से थोड़ा ऊपर बंद हुआ इससे पहले ब्रेंट क्रूड सितंबर 2014 में 99 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर गया था|