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हरियाणा : किसानों की आय ही नही खेती-बागवानी में भी बड़े राज्यों से आगे

हरियाणा अपने सूबे की मुर्रा नस्ल की भैंस की तरह है | छाटा सा, लेकिन दूध देने के मामले अव्वल | किसानों की आमदनी और खेती की सुविधाओं के मामले में देश के तीन प्रमुख राज्यों में हरियाणा शामिल रहता है|

हरियाणा के किसानों की प्रतिमाह औसत आमदनी 20 हजार रुपये से अधिक हो गई है| राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो (NCRB) के मुताबिक पिछले तीन साल में देश में 17,299 किसानों ने आत्महत्या की है, लेकिन इनमें एक भी हरियाणा का नहीं है|

जिन राज्यों के पास खेती का अच्छा आधार है उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी है| वहां लोगों की आय अच्छी है| हरियाणा के लोगों की कृषि क्षेत्र में दिलचस्पी सरकारी आंकड़ों में भी दिखाई देती है| भू उपयोग सांख्यिकी 2017-18 के मुताबिक करीब 44,212 वर्ग किलोमीटर में फैला यह छोटा सा राज्य अपने भौगोलिक क्षेत्र की सबसे अधिक जमीन (85.03 फीसदी) पर खेती करता है| हरियाणा में कृषि योग्य भूमि 37.59 लाख हेक्टेयर है|

नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गेनाइजेशन (NSSO) के सर्वे के मुताबिक हरियाणा में किसान परिवारों की मासिक आय 22841 रुपये हो गई है. पहले यह पहले 14434 रुपये थी| बड़े राज्यों जैसे यूपी में महज 8061, आंध्र प्रदेश में 10480, महाराष्ट्र में 11492 और मध्य प्रदेश में 8339 रुपये ही है| इस आय के पीछे कहानी है सरकारी खरीद और किसान योजनाओं की|

हरियाणा की बोली में कहा जाता है कि यहाँ एग्रीकल्चर ही कल्चर है| किसानों से फसल खरीद का मामला हो या फिर उन्हें सुविधा देने का| यहां के जनजीवन का कल्चर ही एग्रीकल्चर है| सरकार कोई भी हो उसे इस कल्चर में ढलना ही पड़ता है|

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं, धान, जौ, बाजरा, मूंग, मूंगफली, सरसों, मक्का, उड़द, तिल, चना, अरहर, कपास और सूरजमुखी सहित 14 फसलों की खरीद करने वाला हरियाणा देश का एकमात्र राज्य है| पिछले चार साल में ही सिर्फ गेहूं चावल की बिक्री करके यहां के किसानों को 102436 करोड़ रुपये मिले हैं|

बागवानी को बढावा देकर सरकार किसानों की आय बढाने का दावा करने की स्थिति में आ रही है|
प्राकृतिक आपदा से फलों, सब्जियों के नुकसान की भरपाई के लिए अलग से मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना भी शुरू की गई है| मंडियों के बंद होने वाली किसान संगठनों की आशंका के बीच राज्य सरकार पिंजौर में सेब मंडी, गुरुग्राम में फूल मंडी और सोनीपत में मसाला मंडी बना रही है|

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