प्रदेश में तीन जिलों में दुग्ध उपार्जन में गिरावट आई है। उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों को दूध की सप्लाई रोकने के लिए दुग्ध सहकारी संघों ने मैदानी जिलों में चार रुपये प्रति लीटर दूध के दाम बढ़ाए हैं। वर्तमान में दुग्ध सहकारी समितियों के माध्यम से प्रतिदिन 1.80 लाख लीटर दूध उपार्जन किया जा रहा है।
पशुचारे की समस्या के कारण पिछले साल की तुलना में प्रदेश में सात प्रतिशत दुग्ध उपार्जन घटा है। पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में 40 प्रतिशत की कमी आई है। देहरादून, ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार जिला उत्तर प्रदेश से जुड़ा होने के कारण यहां से दूध बाहर जाने से प्रदेश में दूध उपार्जन में कम हुआ। देहरादून जिले में प्रतिदिन 10 हजार, ऊधमसिंह नगर में आठ हजार और हरिद्वार जिले लगभग तीन हजार लीटर दूध उपार्जन में कमी आई है।
दुग्ध विकास विभाग के सहायक निदेशक जयदीप अरोड़ा ने बताया कि दुग्ध उपार्जन में कमी आना पशुचारे की बढ़ती कीमतें भी एक वजह है। तीन मैदानी जिलों में दुग्ध उपार्जन बढ़ाने के लिए चार रुपये दाम बढ़ोतरी की गई है। देहरादून, ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार जिले के दुग्ध उत्पादक उत्तर प्रदेश में दूध की आपूर्ति कर रहे थे। दाम बढ़ा कर बाहरी राज्यों के लिए दूध की आपूर्ति को रोकने का प्रयास किया गया। वर्तमान में प्रतिदिन 1.80 लाख लीटर दूध उपार्जन किया जा रहा है।
प्रदेश की दुग्ध सहकारी समितियों ने बाहरी राज्यों में होने वाली दूध की सप्लाई को रोकने के लिए तीन जिलों में चार रुपये दाम में बढ़ोतरी की है। पहले समितियों की ओर से दुग्ध उत्पादकों से 38 रुपये प्रति लीटर दूध खरीदा जाता था, जिसे बढ़ाकर 42 रुपये किया गया।