यूपी में 19 नवीन मण्डियों का आधुनिकीकरण का काम शुरू हो रहा है| मण्डियों में किसानों की प्री-अराइवल ई-पास की व्यवस्था दी गई| मंडी व्यापारियों को मोबाइल ऐप के माध्यम से डिजिटल पेमेन्ट की सुविधा भी मिल रही है| वहीं, सहजनवां (गोरखपुर) में इण्टीग्रेटेड पैक हाउस स्वीकृत किया गया है| कृषकों की सहायता हेतु जनपदों में 54 कृषि कल्याण केन्द्र स्थापित हो गये हैं|
विष मुक्त खेती के महत्वपूर्ण लक्ष्य के साथ मिशन प्राकृतिक खेती के अन्तर्गत बुन्देलखण्ड के समस्त जनपदों में गौ-आधारित प्राकृतिक खेती पर सरकार का खासा जोर है| भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति योजना के क्रियान्वयन के लिए प्रदेश के 75 जनपदों के 202 अधिकारी एवं कृषक मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किये जा रहे हैं, जबकि पीएम कुसुम योजना हेतु कृषकों का ऑनलाइन चयन भी किया गया है| रहमान खेड़ा, लखनऊ में सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस का निर्माण होने जा रहा है तो उपमण्डी स्थल मलिहाबाद (लखनऊ), नवीन मण्डी स्थल मिश्रिख (सीतापुर) एवं भिनगा (श्रावस्ती) का निर्माण जारी है|
प्रदेश से फल व सब्जियों का विदेश में निर्यात सुगम बनाने के लिए 11 इंटीग्रेटेड पैक हाउस बनाए जाएंगे। प्रदेश के वाराणसी, अमरोहा, प्रतापगढ़, बरेली, गोरखपुर, प्रयागराज, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर, अयोध्या, झांसी, अलीगढ़ जिलों में ये इंटीग्रेटेड पैक हाउस बनाए जाएंगे। इनमें से वाराणसी और अमरोहा में इसका निर्माण शुरू हो गया है जो इस साल के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा।
वाराणसी के इंटीग्रेटेड पैक हाउस से मिर्जापुर, सोनभद्र, प्रयागराज, आजमगढ़, जौनपुर, गाजीपुर, मऊ, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, गोरखपुर, अंबेडकरनगर, देवरिया और कौशांबी जिलों के किसान अपने फल व सब्जी देश तथा विदेश में भेज सकेंगे। इसी तरह अमरोहा के पैक हाउस से मुरादाबाद, बिजनौर, रामपुर, बरेली, संभल और हापुड़ के किसान अपने खेत में उगाई सब्जी तथा फल देश और विदेश में भेज सकेंगे। इन इंटीग्रेटेड पैक हाउस के शुरू होने पर वाराणसी के समीप वाले 13 जिलों और अमरोहा से नजदीक के सात जिलों के किसानों की आमदनी में इजाफा होगा। यहीं नहीं वाराणसी तथा अमरोहा जिले को सब्जी और फल निर्यात नए हब के रूप में भी देश में जाना जाने लगेगा।