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गन्ना-किसानों की ज़िन्दगी में और मिठास लायेंगी नयी किस्में

आने वाले वर्षों में खेतों में गन्ने की दो नई किस्में लहलहाएंगी। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के गन्ना प्रजनन संस्थान क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र करनाल ने इस वर्ष गन्ने की दो और नई उत्कृष्ट प्रजातियां सीओ-16034 और सीओ-1718 ईजाद की हैं। इसके जल्द रिलीज होने की उम्मीद है। फिलहाल ये प्रजातियां अभी परीक्षण के दौर में हैं। उत्पादन क्षमता और गुणों में ये किस्में सीओ-0238 प्रजाति के समान होंगी।

इस साल सितंबर में बुवाई के मौसम से ठीक पहले किसानों को ‘Co 16034’ किस्म उपलब्ध कराई जा सकती है।लेकिन दूसरी वेरायटी के लिए एक साल और इंतजार करना होगा और संभावना है कि ‘Co 17018’ अक्टूबर 2023 में रिलीज होगी। हाल ही में जारी ‘Co 15023’, जिसे ‘सुपर अर्ली वैरायटी’ भी कहा जाता है, इस किस्म की किसानों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली है क्योंकि इसे गर्मियों और वसंत के महीनों में लगाया जा सकता है, लेकिन शरद ऋतु में नहीं।

गन्ना उत्पादकों के लिए यह विकास एक बड़ी राहत के रूप में आया है क्योंकि बड़े पैमाने पर उगाई जाने वाली ‘Co 0238’ किस्म में अचानक कीटों के हमले के कारण उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा था। आईसीएआर-गन्ना प्रजनन संस्थान, कोयंबटूर के निदेशक डॉ जी हेमप्रभा ने कहा कि ये किस्में अभी परीक्षण में हैं और संभावना है कि ‘Co 16034’ इस साल सितंबर में इसे जारी किया जाएगा, जबकि अन्य किस्म अक्टूबर 2023 में जारी की जाएगी।

दोनों किस्में जल्दी बुवाई और अधिक उपज देने वाली हैं और ये किस्में आने वाले वर्षों में ‘Co 0238’ के लिए सबसे अच्छा विकल्प साबित हो सकती हैं। कृषि विशेषज्ञों और गन्ना उद्योग से जुड़े लोगों के अनुसार, नई किस्मों की जरूरत थी क्योंकि पिछले दो वर्षों में कीटों के हमलों के कारण किसानों को नुकसान उठाना पड़ा था।अब संस्थान द्वारा विकसित नई किस्में किसानों के लिए आशा की एक नई किरण ला सकती हैं।

गन्ने की जल्दी तैयार होने वाली प्रजातियों में कोयंबटूर की को-0118 की प्रजाति भी उपज के लिहाज से बेहतर है। इन दोनों प्रजातियों के अलावा को-98014 प्रजाति भी किसानों की पसंद बनी हुई है। इस प्रजाति का गन्ना लंबा और सख्त होता है। जंगली सुअर या सियार इस प्रजाति का गन्ना आसानी से काट नहीं पाते। जलभराव वाले खेतों में कोलक -94194 की बुवाई बेहतर है। गन्ने की यह प्रजातियां कोयंबटूर की हैं।

दूसरी ओर शाहजहांपुर गन्ना शोध परिषद ने कोएस-8272 प्रजाति इजाद की है। इस प्रजाति का गन्ना नरम है और आसानी से छीला जा सकता है। यह सब अर्ली प्रजातियां हैं, जिनकी बुवाई किसान 15 अक्तूबर से 15 नवंबर के बीच में करते हैं। इस समय बोया गया गन्ना न केवल वजन में अधिक होता है बल्कि इस गन्ने से चीनी की रिकवरी भी अधिक होती है।

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