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हिमाचल प्रदेश : तीन पहाड़ी राज्यों के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने तैयार किया गेहूँ का बीज

देश के तीनों पर्वतीय राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में कुल 10 लाख हेक्टेयर भूमि में किसान गेहूं की पैदावार करते हैं। हिमाचल में करीब 3.5 लाख हेक्टेयर भूमि पर गेहूं का उत्पादन किया जाता है। ऊना, सिरमौर, कांगड़ा आदि क्षेत्रों में जहां सिंचाई सुविधा उपलब्ध है, वहां के किसान इस बीज से 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर गेहूं पैदा कर सकते हैं।

हिमाचल में करीब 3.5 लाख हेक्टेयर भूमि पर गेहूं का उत्पादन किया जाता है। ऊना, सिरमौर, कांगड़ा आदि क्षेत्रों में जहां सिंचाई सुविधा उपलब्ध है, वहां के किसान इस बीज से 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर गेहूं पैदा कर सकते हैं।

वैज्ञानिक बताते हैं कि 100 किलो ब्री़डर बीज से पहले साल 2,000 क्विंटल बीज तैयार होता है। इस तरह के दो चरणों में बीज तैयार करने के बाद किसानों को उपलब्ध कराया जाता है। संस्थान ब्रीडर बीज 65 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से राज्य सरकारों को उपलब्ध करवा रहा है।

हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के किसानों के लिए आईसीएआर हर साल 300 क्विंटल एचएस- 562 गेहूं का ब्रीडर बीज उपलब्ध करवा रहा है। यह बीज अधिक गेहूं की पैदावार देता है।

आईसीएआर के शिमला के वैज्ञानिकों ने यह हाईब्रीड बीज तीनों पहाड़ी राज्यों के लिए विकसित किया है। इन राज्यों के किसान अब तक जिन बीजों का इस्तेमाल करते रहे हैं, उनसे किसान प्रति हेक्टेयर अधिकतम 20 क्विंटल गेहूं की पैदावार कर पाते थे। जिन क्षेत्रों में किसानों को सिंचाई सुविधा नहीं मिलती थी, वहां गेहूं की पैदावार कम होती थी। देश के तीनों पहाड़ी राज्यों के लिए आईसीएआर का शिमला सेंटर 300 क्विंटल गेहूं का ब्रीडर बीज उपलब्ध करवा रहा है। इसमें से हिमाचल को 200 क्विंटल गेहूं का ब्रीडर बीज उपलब्ध कराया गया है।

केंद्र के वैज्ञानिक बताते हैं कि 100 किलो ब्री़डर बीज से पहले साल 2,000 क्विंटल बीज तैयार होता है। इस तरह के दो चरणों में बीज तैयार करने के बाद किसानों को उपलब्ध कराया जाता है। संस्थान ब्रीडर बीज 65 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से राज्य सरकारों को उपलब्ध करवा रहा है।

देश के तीनों पर्वतीय राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में कुल 10 लाख हेक्टेयर भूमि में किसान गेहूं की पैदावार करते हैं। हिमाचल में करीब 3.5 लाख हेक्टेयर भूमि पर गेहूं का उत्पादन किया जाता है। ऊना, सिरमौर, कांगड़ा आदि क्षेत्रों में जहां सिंचाई सुविधा उपलब्ध है, वहां के किसान इस बीज से 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर गेहूं पैदा कर सकते हैं।

हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के किसानों के लिए आईसीएआर हर साल 300 क्विंटल एचएस- 562 गेहूं का ब्रीडर बीज उपलब्ध करवा रहा है। यह बीज अधिक गेहूं की पैदावार देता है।

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