वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने गुरुवार को विधानसभा में पेश बजट प्रस्ताव के माध्यम से कहा कि कृषकों को सिंचाई हेतु डीजल और विद्युत के स्थान पर वैकल्पिक ऊर्जा प्रबंधन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार ने प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना के अंतर्गत किसानों को खेत पर ही सोलर पंप लगवाए जा रहे हैं। उन्होंन कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 15 हजार सोलर पंपों की स्थापना कराई जाएगी।
बजट में गन्ना किसानों के भुगतान का जिक्र करते हुए कहा गया है कि सरकार द्वारा पेराई सत्र 2017-2018 से 2021 2022 तक के सापेक्ष, 16 मई 2022 तक गन्ना किसानों 1 लाख 72 हजार 745 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड गन्ना मूल्य भुगतान कराया गया। यह पहले के 5 वर्षों के सम्मिलित गन्ना मूल्य भुगतान 95.215 करोड़ रुपये से 77.530 करोड़ रुपये अधिक है।
बजट में सरकार ने प्रदेश में 34,307 राजकीय नलकूपों तथा 252 लघु डाल नहरों द्वारा कृषकों को मुफ्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने का जिक्र करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना हेतु 1000 करोड़ रुपये की बजटीय व्यवस्था प्रस्तावित है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के इतिहास में अब तक ये सबसे बड़ा बजट है| 6 लाख करोड़ से ज्यादा के इस बजट में सिंचाई, बीजों के वितरण से लेकर धान खरीदी तक के लिए धनराशि आवंटित की गई है| बिजली संकट के बीच सिंचाई बाधित ना हो इसके लिए सरकार ने सोलर पंपो की स्थापना को लेकर भी अहम फैसले किए हैं|
किसानों की दुर्घटनावश मौत या दिव्यांगता की दशा में अधिकतम 5 लाख रूपये दिये जाने का प्रावधान है| 2022-2023 के बजट में इस योजना के लिए 650 करोड़ रुपये आवंटित किया गया है |