दुनिया के 15 सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषित शहरों में से तीन भारत के हैं| मुरादाबाद के अलावा भारत के सबसे अधिक ध्वनि प्रदूषण वाले शहरों में जयपुर, कोलकाता, आसनसोल और दिल्ली को भी शामिल किया गया है|
पीतल नगरी के रूप में पहचान रखने वाला उत्तर प्रदेश का मुरादाबाद शहर इन दिनों ध्वनि प्रदूषण की वजह से चर्चा में है| दरअसल यूनाइटेड नेशंस एनवायरमेंट प्रोग्राम की ओर से जारी की गई वार्षिक फ्रंटियर रिपोर्ट- 2022 में मुरादाबाद को दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण वाला शहर घोषित किया है|
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार यूनाइटेड नेशंस एनवायरमेंट प्रोग्राम की ओर से ध्वनि प्रदूषण के मामले में दुनिया के 61 शहरों की रैंकिंग जारी की गई है| इसमें बांग्लादेश की राजधानी 119 डेसिबल के साथ पहले नंबर पर और मुरादाबाद 114 डेसिबल ध्वनि प्रदूषण के साथ दूसरे नंबर पर और इस्लामाबाद 105 डेसिबल के साथ इस तीसरे नंबर पर है|
इस रिपोर्ट में मुरादाबाद के अलावा भारत के सबसे अधिक ध्वनि प्रदूषण वाले शहरों में जयपुर, कोलकाता, आसनसोल और दिल्ली को भी शामिल किया गया है|
दिल्ली में 83, जयपुर में 84, कोलकाता और आसनसोल में 89-89 डेबिसल ध्वनि प्रदूषण दर्ज किया गया है| रिपोर्ट में ध्वनि प्रदूषण से प्रदूषित शहरों में दक्षिण एशिया के 13 शहर शामिल हैं, जिनमें 5 शहर अकेले भारत के हैं|
रिपोर्ट में दिए गए ध्वनि प्रदूषण के आंकड़े दिन के समय के यातायात अथवा वाहनों से संबंधित हैं| विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 1999 के दिशानिर्देशों में रिहाइशी क्षेत्रों के लिए 55 डीबी मानक की सिफारिश की थी, जबकि यातायात और व्यवसायिक क्षेत्रों के लिए यह सीमा 70 डीबी थी|
60 डेसिबल से अधिक तीव्रता की ध्वनि के बीच आठ से 10 घंटे बिताने वाले लोगों को जल्दी थकान महसूस होना, अनिद्रा, चिड़चिड़ापन, सिरदर्द होता है. जिनकी उम्र 40 साल से अधिक हो गई है, उन्हें हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, स्थायी बहरापन, स्मरण शक्ति कमजोर हो जाना जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है. रिपोर्ट में यूएनईपी की कार्यकारी निदेशक इंगर एंडरसन ने कहा, जैसे-जैसे शहर बढ़ते हैं, ध्वनि प्रदूषण पर्यावरण का प्रमुख खतरा बन जाता है|
बता दें कि 70dB से ज्यादा साउंड फ्रीक्वेंसी सेहत के लिए खतरनाक मानी जाती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साल 1999 की गाइडलाइन में रिहायशी इलाकों के लिए 55dB की सिफारिश की थी, जबकि ट्रैफिक और व्यवसायिक क्षेत्रो के लिए इसकी लिमिट 70 निर्धारित की गई थी|
मुरादाबाद (भारत)- 114
इस्लामाबाद (पाकिस्तान)- 105
राजशाही (बांग्लादेश)- 105
हो चिन मिन सिटी (वियतनाम)- 103
इबादान (नाइजीरिया)- 101
कुर्पोंडोले (100)- 100 इल्जाइर्स (अल्जीरिय)- 100
बैंकॉक (थाइलैंड)- 99
न्यूयॉर्क (अमेरिका)- 95
डमैस्कस (सीरिय)- 94
मनीला (फिलिपींस)- 92
हॉन्गकॉन्ग (चीन)- 89
कोलकाता (भारत)- 89
आसनसोल (भारत)- 89
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 1999 के दिशानिर्देशों में रिहाइशी क्षेत्रों के लिए 55 डीबी मानक की सिफारिश की थी, जबकि यातायात व व्यवसायिक क्षेत्रों के लिए यह सीमा 70 डीबी थी।