भागलपुर के सबौर में स्थित बिहार कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय किसान मेला के उद्घाटन अवसर पर कृषि उत्पादों में प्रथम विभिन्न जिलों के 22 किसानों को सम्मानित किया गया।
इससे पहले मेला के उद्घाटन अवसर पर रविवार को अतिथियों ने कहा कि किसान उद्यम बनकर रोजगार के अवसर भी बढ़ाए, तभी वैज्ञानिक खेती करने का मकसद पूरा होगा। इसमें बिहार के छह आकांक्षी जिले अररिया, औरंगाबाद, बांका, कटिहार, खगड़िया और पूर्णिया जिले में 288 लाख रुपये की लागत से बायोटेक किसान हब परियोजना और ई-किसान मित्र मशीन का उद्घाटन किया गया।
बीएयू किसान मेला का उद्घाटन राज्यसभा सदस्य कहकशां परवीन और भागलपुर के सांसद अजय कुमार मंडल ने संयुक्त रूप से किया। किसानों को संबोधित करते हुए कहकशां परवीन ने कहा कि मुख्यमंत्री की परिकल्पना जल- जीवन- हरियाली के तहत यह किसान मेला आयोजित किया गया है। किसान बदलते मौसम में भी अपनी आय दोगुनी करने में सफल होंगे। किसानी से जुड़े लोग कई व्यवसाय की तरफ भी बढ़ रहे हैं, जिसकी सराहना की जानी चाहिए। उन्होंने किसान क्षेत्र में बनाए गए राज्य सरकार के रोडमैप की भी चर्चा की।
सांसद अजय कुमार मंडल ने कहा कि विवि ने जलवायु अनुकूल खेती को बढ़ावा देने का कार्य किया है। इससे प्रदेश के किसानों को लाभ पहुंचेगा। विधायक लक्ष्मीकांत मंडल ने कहा कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय बिहार के किसानों को नई तकनीक पहुंचाकर किसान और फसलों की गुणवत्ता बढ़ाने में जुटा हुआ है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता बीएयू के कुलपति डॉ. अजय कुमार सिंह ने की। उत्कृष्ठ प्रसार वैज्ञानिक का पुरस्कार कृषि विज्ञान केंद्र बांका के डॉ. धर्मेंद्र कुमार और डॉ. गोपालजी त्रिवेदी, बेस्ट एक्सटेंशन प्रोफेशनल अवार्ड डॉ. रामदत्त को दिया गया। मेले में 100 से अधिक सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों और 50 स्टॉल विवि के विभिन्न विभागों, संस्थानों, कृषि विज्ञान केंद्रों द्वारा लगाए गए थे।
अतिथियों ने विवि द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी में कृषि शिक्षा, जैविक खेती, न्यूट्री सिरियल, जलवायु परिवर्तन, फसल अवशेष प्रबंधन, मखाना, फसलों, फलों व सब्जी की प्रजातियाँ को प्रमुख रूप से दर्शाया गया। मौके पर प्रकाशित कृषि साहित्यों का लोकार्पण भी किया गया। वहीं शाम में सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।
किसान मेला में 22 किसानों को सम्मानित किया गया। बीएयू में उद्यान प्रदर्शनी में आकर्षण का केंद्र आस्ट्रेलियन अमरूद, एवोकाडो व विभिन्न किस्म की सब्जी, मौसमी फल, फूल व सब्जी से बने उत्पाद रहे।
संयोजक डॉ. फिजा अहमद ने कहा कि कुल 23 जिलों से 821 प्रतिभागी आए थे। इसमें सब्जी वर्ग में 422, फल में 112, मौसमी फूल में 41, पत्तेदार पौधे में 53, मौसमी फल में 17, सुगंध वऔषधीय पौध में 93, फूल व सब्जी परिक्षण में 58 प्रवेश आए थे।
इस दौरान प्रथम पुरस्कार पाने वाले किसानों को सम्मानित किया गया। फूलगोभी के लिए सुल्तानगंज के नीरज कुमार, पत्तागोभी के लिए गोराडीह के दिनकर सिंह व बैगन के लिए वैशाली के रामकुमार को सम्मानित किया गया। टमाटर, गाजर, केला के लिए पूर्णिया के शशि भूषण, मूली के लिए वैशाली के राम कुमार, मटर के लिए मोतिहारी के विशालसाह, मिर्च के लिए मो. मानिक, लाल आलू के लिए सारण, नींबू के अचार के लिए आशा देवी शर्राफ नवगछिया व आम के अचार के लिए सबौर के माया देवी को सम्मानित किया गया। मुरब्बा, मिर्च का अचार व अन्य तरह के आचार के लिए सबौर की स्वर्णसंध्या भारती, लीची की शर्बत के लिए जगदीशपुर के दीपक कुमार, सबौर की रिंकी को टेबल सजावट,नीलमनी को बटन होल, स्वाती को तुलसी, चंद्र बिहारी को स्ट्रोनिला, शाशवत आनंद को जापनी पुदीना, किरण कुमारी को एलोवेरा, पिंटू कुमार सिंह को डहेलिया, प्रर्भू कुमार को अफ्रीकन गेंदा, पत्तेदार गमले के लिए किरण कुमार, नवगछिया के विनोद कुमार को पिटुनिया, आशा देवी को पाम, बोनजाई, एग्लोनिमा, पेंजी, फ्रेंच गेंदा व डायन्थस के लिए सम्मानिक किया गया।