वैज्ञानिकों ने ज्वार की नई किस्म विकसित की है, जो न केवल पशुओं में दूध उत्पादन को बढ़ाती है बल्कि पशुओं के लिए सेहतमंद भी है | चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय,हिसार के कृषि वैज्ञानिकों ने पशुओं के चारे की फसल ज्वार की नई व उन्नत किस्म ‘सीएसवी 44 एफ’ विकसित कर विश्वविद्यालय के नाम एक और उपलब्धि दर्ज करवा दी है।
ज्वार की इस किस्म को विश्वविद्यालय के अनुवांशिकी एवं पौध प्रजनन विभाग के चारा अनुभाग द्वारा विकसित किया गया है। इस किस्म को भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के कृषि एवं सहयोग विभाग की ‘फसल मानक, अधिसूचना एवं अनुमोदन केंद्रीय उप-समिति’ द्वारा नई दिल्ली में आयोजित 84वीं बैठक में अधिसूचित व जारी कर दिया गया है।
ज्वार देश में उगाई जाने वाली मुख्य चारा फसलों में से एक है, जो हरा चारा, कड़बी एवं साइलेज तीनों ही रूपों में पशुओं के लिए उपयोगी है | इसमें शुष्क पदार्थ के आधार पर औसतन 9-10 प्रतिशत क्रूड प्रोटीन, 60-65 प्रतिशत न्यूट्रल डिटर्जेंट फाइबर एवं 37-42 प्रतिशत एसिड डिटर्जेंट फाइबर पाया जाता है |