भारतीय बाजारों में मिलने वाले गेहूं में पोषक तत्वों, विशेषकर जिंक की कमी के कारण पेट भरा हुआ तो लगता है, लेकिन कार्य क्षमता और रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी के साथ-साथ बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास भी नहीं होता है। इस संकट से निपटने के लिए बीएचयू-31 ने जिंक गेहूं की एक ऐसी किस्म पर काम शुरू किया जो मिट्टी से पोषक तत्व लेकर उसके बीजों में जिंक की अधिकतम मात्रा सुरक्षित कर सके। पैदावार भी अन्य किस्मों की तुलना में काफी अधिक है। बीएचयू की नई किस्मों पर अन्य बीमारियों का असर भी काफी कम है। मिली जानकारी के अनुसार वैज्ञानिक बायोफोर्टिफाइड अनाज के बीज तैयार करते हैं। इसके बीजों को इस तरह तैयार किया जाता है कि उनसे पैदा होने वाली फसल में अधिक पोषक तत्व हों. जबकि फोर्टिफाइड अनाज का मतलब अनाज में बाहर से पोषक तत्व मिलाने की प्रक्रिया है। फिलहाल सार्वजनिक राशन वितरण प्रणाली यानी सरकारी राशन की दुकानों से फोर्टिफाइड चावल का वितरण किया जा रहा है।उदाहरण के तौर पर ऐसा माना जाता है कि मिलिंग और प्रसंस्करण के दौरान जब सामान्य चावल का छिलका हटा दिया जाता है। तो इससे चावल के पोषक तत्व कम हो जाते हैं। ऐसे में चावल के दानों को मजबूत बनाने के लिए प्रोसेसिंग के बाद उसमें पोषक तत्व मिलाए जाते हैं। इसकी अपनी पूरी प्रक्रिया है, जो चावल मिल में की जाती है। रिपोर्ट के अनुसार भारतीय बाजारों में मिलने वाले गेहूं में पोषक तत्वों, विशेषकर जिंक की कमी के कारण पेट भरा हुआ तो लगता है, लेकिन कार्य क्षमता और रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी के साथ-साथ बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास भी नहीं होता है। इस संकट से निपटने के लिए बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने बीएचयू-31 ने जिंक गेहूं की एक ऐसी किस्म पर काम शुरू किया जो मिट्टी से पोषक तत्व लेकर उसके बीजों में जिंक की अधिकतम मात्रा सुरक्षित कर सके। पैदावार भी अन्य किस्मों की तुलना में काफी अधिक है। बीएचयू की नई किस्मों पर अन्य बीमारियों का असर भी काफी कम है। बायो फोर्टिफाइड गेहूं के बारे में मिली जानकारी अनुसार बीएचयू-31 में जिंक सामान्य गेहूं से 6 से 8 गुना अधिक होता है. इसी कड़ी में लौह तत्व से भरपूर गेहूं करण वंदना डीबीडब्ल्यू-187 आज जिले के किसानों के बीच सबसे लोकप्रिय किस्म बन गई है। कम वसा वाली गेहूं की किस्में भी जिले में लोकप्रिय हो रही हैं। जिले में श्री अन्न में बायोफोर्टिफाइड अनाज को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
गेहूं की नई किस्म के बारे में यह जानकारी भी दी गई है कि अनाज में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं, लेकिन मौजूदा समय में कई अनाजों में पोषक तत्वों की कमी दर्ज की गई है। इसी के अनुरूप बायोफोर्टिफाइड फसलें विकसित की गई हैं, जिनमें विटामिन बी-1, विटामिन बी-6, विटामिन ई, नियासिन, आयरन, जिंक, फोलिक एसिड, विटामिन बी-12 और विटामिन ए जैसे तत्व मिलाए गए हैं.।