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उत्तर प्रदेश में 669 लाख मीट्रिक टन पहुंचा अन्न उत्पादन, 85,710 हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा

वर्ष 2017 में सत्ता संभालने के बाद से योगी – सरकार ने खेती-किसानी को नई दिशा दी है। परिणामस्वरूप किसानों की आय में वृद्धि, उत्पादन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी और तकनीकी नवाचार के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति देखने को मिली है। योगी सरकार की योजनाओं ने न केवल किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया, बल्कि खेती को आधुनिक और टिकाऊ बनाने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। ,
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कृषि विकास दर ने नई ऊंचाइयां छुई हैं। 2016-17 में जहां यह दर मात्र 5.1 प्रतिशत थी, वहीं 2023-24 में यह बढ़कर 13.7 प्रतिशत हो गई। इस दौरान खाद्यान्न उत्पादन में भी जबरदस्त इजाफा हुआ। 2016-17 में 557 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न उत्पादन था, जो 2023-24 में बढ़कर 669 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया। खाद्यान्न उत्पादकता भी 27 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 31 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो गई। तिलहन उत्पादन में 128 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो 2016-17 में 12.40 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 2023-24 में 28.31 लाख मीट्रिक टन हो गया। इसके अलावा, 400 लाख टन फल और सब्जियों के उत्पादन के साथ उत्तर प्रदेश ने देश में पहला स्थान हासिल किया है।
,खेती को टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए योगी – सरकार ने जैविक और प्राकृतिक खेती पर विशेष ध्यान दिया। सूबे के 49 जनपदों में 85,710 हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया गया। बुंदेलखंड के सभी जनपदों में 23,500 हेक्टेयर क्षेत्र में गौ आधारित प्राकृतिक खेती शुरू की गई।@ 2024-25 में 66 लाख क्विंटल गुणवत्तापूर्ण बीज और 95 लाख मेट्रिक टन उर्वरक वितरित किए गए। साथ ही, 8.50 लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड बांटे गए, जिससे किसानों को अपनी जमीन की उर्वरता बढ़ाने में मदद मिली। विश्व बैंक के सहयोग से शुरू किए गए ‘कृषि विकास एवं ग्रामीण उद्यमिता सुदृढ़ीकरण कार्यक्रम (यूपी एग्रीस)’ ने पूर्वांचल के 21 और बुंदेलखंड के 7 जिलों में किसानों को सीधा लाभ पहुंचाया।

योगी सरकार ने किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए कई योजनाएं लागू की हैं। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 2.86 करोड़ से ज्यादा किसानों को 80 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि हस्तांतरित की गई। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 58.07 लाख किसानों को 47,535.09 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति दी गई। पीएम कुसुम योजना के तहत 76,189 से अधिक सोलर पंप आवंटित किए गए। मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना, जो 14 सितंबर 2019 को शुरू हुई, ने 63 हजार से ज्यादा किसानों को लाभ पहुंचाया। तकनीक के क्षेत्र में, खेती में ड्रोन के उपयोग की शुरुआत की गई, जिसमें एफपीओ और कृषि स्नातकों को 40-50 प्रतिशत अनुदान दिया गया। प्रशिक्षित कृषि उद्यमी स्वावलंबन एग्रीजंक्शन योजना के तहत 6,608 एग्रीजंक्शन स्थापित किए गए, जो किसानों के लिए वन-स्टॉप शॉप की तरह काम कर रहे हैं।

मंडी व्यवस्था को आधुनिक और पारदर्शी बनाने के लिए योगी सरकार ने कई कदम उठाए हैं। 125 मंडियों में जनवरी 2025 तक 6,999 करोड़ रुपये का डिजिटल व्यापार हुआ। ई-मंडी योजना के तहत 922 ई-लाइसेंस जारी किए गए और 4.18 करोड़ से ज्यादा ऑनलाइन पर्चियां निर्गत की गईं। 27 नई मंडियों का आधुनिकीकरण किया गया और 85 ग्रामीण हाट बाजारों का निर्माण पूरा हुआ। मंडियों में प्री-अराइवल ई-पास और डिजिटल पेमेंट की सुविधा शुरू की गई। यूपी मंडी भाव मोबाइल ऐप के जरिए किसानों को बाजार भाव और मौसम की जानकारी मुफ्त दी जा रही है। अमरोहा, वाराणसी और सहजनवा में इंटीग्रेटेड पैक हाउस बनाए गए, जबकि लखनऊ में 49 करोड़ की लागत से किसान एग्रीमॉल का निर्माण अंतिम चरण में है। हर मंडी में माता शबरी के नाम पर कैंटीन और विश्रामालय स्थापित करने की योजना है, जहां सब्सिडी दरों पर भोजन उपलब्ध होगा।

योगी सरकार ने किसानों के हित में कई अनूठी योजनाएं शुरू की हैं। पं. दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना और मुख्यमंत्री कृषक उपहार योजना के तहत किसानों को ट्रैक्टर वितरित किए गए। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जन्मदिवस को ‘किसान सम्मान दिवस’ के रूप में मनाया गया। लखनऊ में 251 करोड़ की लागत से चौधरी चरण सिंह के नाम पर एक सीड पार्क की स्थापना का निर्णय लिया गया। 2017-18 से पहले यूपी डास्प में केवल 1 योजना थी, लेकिन अब 5 नई योजनाएं संचालित हो रही हैं। दिसंबर 2024 तक 60.48 लाख फार्मर कार्ड आईडी जारी किए गए। बाढ़ सुरक्षा के लिए 1,551 परियोजनाओं के जरिए 32.87 लाख हेक्टेयर भूमि को बचाया गया, जिससे करोड़ों की आबादी को लाभ हुआ।

योगी सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए भी कदम उठाए हैं। महिला स्वयं सहायता समूहों के जरिए सीडलिंग उत्पादन से 60 हजार महिलाओं को रोजगार मिला। 8 वर्षों में 878,192.23 करोड़ रुपये का फसली ऋण वितरित किया गया। मुख्यमंत्री कृषक कल्याणकारी योजना के तहत मंडी परिषद ने 79,796 कृषकों को 134.76 करोड़ रुपये का अनुदान दिया। इन प्रयासों से न केवल किसानों की जिंदगी बदली, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी समृद्धि आई।

 

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