तीन दिन से लगातार हो रही बारिश के साथ तेज हवाओं से गन्ना व धान की फ़सल खेतों में गिर गयी हैं। सब्जियों के खेतों में पानी भर गया है। किसानों को बरसात की वजह से भारी नुक़सान हुआ है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अमरोहा, संभल, हापुड़, बिजनौर, रामपुर जिलों के किसान मायूस हैं।
मुरादाबाद मंडल में बारिश और तेज हवा से धान और गन्ने की फसलें बिछ गईं। बारिश से बाजरा, उड़द, तिल समेत अन्य फसलों को भी नुकसान होने की आशंका है। बारिश के बीच तेज हवा ने फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। क्षेत्र के किसान बहुत अरमान से धान की खेती करते हैं। इस वर्ष पर्याप्त बारिश से धान की फसल बहुत अच्छी हुई है, लेकिन हवाओं के साथ बारिश से धान की फसल बिछ गई है। किसानों के अरमानों पर पानी फिर गया। बारिश के बीच तेज हवा ने फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। जिले में पिछले छह दिन से लगातार रुक-रुक कर बारिश हो रही है। शुक्रवार को भी पूरा दिन बारिश होती रही। इससे जनजीवन प्रभावित हो गया।
खराब मौसम की वजह से मौसम की वजह से लगभग 60 प्रतिशत गन्ना और 70 प्रतिशत धान की फसलें प्रभावित हुई हैं। लगातार हो रही बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया है, जबकि तेज हवाओं के कारण फसलों को व्यापक नुकसान हुआ है। सूत्रों के अनुसार, कई इलाकों में गन्ने की फसलें पूरी तरह गिर गई हैं और धान के खेत पानी में डूबे हुए हैं। किसान विशेष रूप से अपनी गन्ने की फसलों को प्रभावित करने वाली बीमारी की संभावना को लेकर चिंतित हैं, जिससे और नुकसान हो सकता है। मुरादाबाद धान, गेहूं और गन्ने की खेती के लिए जाना जाता है। अमरोहा क्षेत्र के किसान इन प्राथमिक फसलों के साथ-साथ सब्जियां भी उगाते हैं।
लगातार हो रही बारिश और तेज हवाओं के कारण खेतों में पानी भर गया है और फसलें जमीन पर गिर गई हैं, जिससे काफी नुकसान हुआ है। जिला कृषि अधिकारी डॉ. राजेंद्र पाल सिंह ने कहा, बारिश लगातार हो रही है और खेत पानी से भर गए हैं। तेज हवाओं के कारण फसलें गिर गई हैं, जिससे काफी नुकसान हुआ है। गन्ना और धान की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। डॉ. सिंह ने आगे बताया कि, 15 सितंबर तक चलने वाली बारिश ने काफी व्यवधान पैदा किया है। इस बार, बारिश असामान्य रूप से लंबी और भारी रही है। उन्होंने कहा, बारिश के साथ चल रही तेज हवाओं के कारण कई फसलें, खासकर गन्ना और धान, जमीन पर गिर गई हैं। मैंने जिन खेतों का दौरा किया, उनमें गन्ना और धान दोनों की फसलें सपाट पड़ी हुई हैं, जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है। मिट्टी के सूखने के बाद कुछ फसलें ठीक हो सकती हैं, लेकिन लगातार बारिश से स्थिति और खराब हो सकती है।
लगातार बारिश की स्थिति विशेष रूप से छोटी सब्जियों और फूलों के लिए हानिकारक है। उन्होंने विभिन्न फसलों पर पड़ने वाले विशिष्ट प्रभाव पर भी प्रकाश डाला। डॉ. सिंह ने कहा, प्याज, धनिया और फूलगोभी जैसी सब्ज़ियों को सबसे ज़्यादा नुकसान हो रहा है। ये छोटी फसलें जलभराव से बहुत ज्यादा प्रभावित होती हैं और जल्दी सड़ सकती है। इसके विपरीत, गन्ना ज्यादा लचीला होता है। हालांकि कुछ नुकसान हुआ है, लेकिन यह अन्य फसलों की तुलना में कम गंभीर है। फिर भी, गन्ने के साथ भी, पैदावार कम होने की संभावना है।