गुजरात फिर भयंकर बाढ़ की चपेट में हैं। बरसात से ग्रामीण ही नहीं शहरी इलाकों में भी पानी भरा है। किसान तो फसलों के बर्बाद होने, पशुओं के अलावा मकान भर-भराकर गिर जाने से लगभग तबाह है। फौरी राहत के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात – सरकार को आर्थिक मदद दी है। नुक़सान को देखते हुए इस गुजरात सरकार ने इस मदद को कम बताया है।
मिली जानकारी अनुसार बीते सप्ताह किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार ने 350 करोड़ रुपये की राशि जारी की थी। जबकि, पीएम मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री से बात करके नुकसान का जायजा लिया था और भरपूर मदद का भरोसा दिया था, जिसके बाद केंद्रीय दल आकलन के लिए जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि आकलन के बाद पीड़ित किसानों, ग्रामीणों को उनकी फसलों, मवेशियों और घरों के नष्ट होने से हुए नुकसान के एवज में मुआवजा राशि मिलेगी।
गौरतलब है कि सरकार ने बयान जारी करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार, आपदा-प्रभावित राज्यों को हरसंभव मदद देने के प्रति पूरी तरह कटिबद्ध है। गृह मंत्री अमित शाह द्वारा अगस्त, 2019 में लिए गए एक महत्वपूर्ण निर्णय के तहत, गृह मंत्रालय प्रभावित राज्यों से ज्ञापन की प्रतीक्षा किए बिना नुकसान का मौके पर आंकलन करने के लिए IMCT का गठन कर देता है।
इस वर्ष, गृह मंत्रालय ने IMCTs का गठन किया है, जिन्होंने बाढ़/भूस्खलन-प्रभावित असम, केरल, मिजोरम और त्रिपुरा में नुकसान का मौके पर आंकलन करने के लिए ज्ञापन की प्रतीक्षा किए बिना पहले ही दौरा कर लिया है। नागालैंड के लिए भी IMCT का गठन किया गया है जो जल्द ही राज्य के प्रभावित इलाकों का दौरा करेगी। पहले, IMCT राज्य सरकार से ज्ञापन प्राप्त होने के बाद ही आपदा प्रभावित राज्यों का दौरा करती थी।
उल्लेखनीय है कि गृह मंत्रालय ने गुजरात में बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान का आंकलन करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के कार्यकारी निदेशक के नेतृत्व में एक अंतर-मंत्रालयी केन्द्रीय दल का गठन किया है। यह जांच दल जल्दी ही गुजरात के बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा करेगा। आंकलन के बाद नुकसान की भरपाई के लिए किसानों और ग्रामीणों को मुआवजा दिया जाएगा। दरअसल, 25-30 अगस्त के दौरान गुजरात में भारी बारिश हुई थी, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ. मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी भारी बारिश से किसान, ग्रामीण से प्रभावित हुए हैं।